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नए भारत के निर्माण के लिए समाज से पुलिस का भय निकालना होगा : अमित शाह

नए भारत के निर्माण के लिए समाज से पुलिस का भय निकालना होगा : अमित शाह
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के बाद देशहित में नीतियां बनानी आसान हो जाएंगी। शाह ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विरोधी एनआरसी को राजनीतिक कदम बता रहे हैं।

शाह ने 2018 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्हें देश सेवा का अवसर मिला है और उन्हें जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि संवेदनशील होकर ड्यूटी करें और काम के दौरान आई चुनौतियां के खिलाफ अडिग बने रहें।

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर पर एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि कानून व्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद आवश्यक कार्य को हमें करना चाहिए। विश्व के अन्य अधिक आबादी वाले देशों में भी सिटीजन रजिस्टर लागू है। उनका कहना था कि एनआरसी के बाद देशहित में नीतियां बनानी आसान होंगी। शाह ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विरोधी एनआरसी को राजनीतिक कदम बता रहे हैं। शाह ने जम्मू कश्मीर में धारा-370 का उदाहरण देते हुए कहा कि विरोधियों द्वारा तमाम तरह की अड़चनें रखी गईं। आजादी के बाद कितने ही लोगों की जानें गई किंतु धारा-370 हटाने के बाद एक भी जान नहीं गई।

अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर हमेशा के लिए केंद्रशासित प्रदेश नहीं बना रहेगा। वहां कानून व्यवस्था सामान्य होने पर उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि धारा 370 का सबसे ज्यादा उपयोग पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया है। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट बनाया, बच्चों को हथियार पकड़ा दिए गए और हालात यह हो गए कि मारने वाले भी हमारे और मरने वाले भी हमारे अपने लोग बन गए।

अमित शाह ने कहा कि साहित्य, अखबार और फिल्मों ने पुलिस की नकारात्मक छवि बनाने में योगदान किया है। एक समान सोच, दिशा, गति तथा मुक्त चिंतन से इस छवि सुधारने का काम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को अपने कार्य से अपनी विश्वसनीयता बनानी होगी। नए भारत के निर्माण के लिए समाज से पुलिस का भय निकालना होगा तथा उनमें यह विश्वास जगाना होगा कि पुलिस उनकी सलामती के लिए है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि और फॉरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना हो ताकि इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को 12वीं के बाद ही उचित मार्गदर्शन दिया जा सके और वह अपने भविष्य का निर्माण कर सकें।

इस मौके पर महिला आईपीएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए शाह का कहना था कि आरक्षण स्थायी समाधान नहीं है, आपकी सफलता ही दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकती है। इसलिए धीरे-धीरे मन बदलना होगा और स्वत: ही महिलाओं को सेना, पुलिस तथा आंतरिक सुरक्षा के विभागों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना होगा।

अमित शाह ने सफलता का मूल मंत्र देते हुए कहा कि मन और आत्मा से बड़ा शिक्षक कोई नहीं होता। उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि मन से संवाद करें और आत्म विश्लेषण करते रहना चाहिए। शाह ने कहा कि इस तरह कार्यकर सरदार पटेल के अखिल भारत की कल्पना को पूर्ण किया जा सकता है।

Updated : 8 Oct 2019 2:58 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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