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जापान से भारत का रिश्ता बुद्ध, बोद्ध, ज्ञान और ध्यान का है : प्रधानमंत्री

जापान से भारत का रिश्ता बुद्ध, बोद्ध, ज्ञान और ध्यान का है : प्रधानमंत्री
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत और जापान 'स्वाभाविक साझेदार' हैं और जापानी निवेश ने भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो की अपनी दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि जापान के साथ भारत के संबंध आत्मीयता, आध्यात्मिकता, सहयोग और अपनेपन के हैं।

प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद की जापान यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि जापान से भारत का संबंध सामर्थ्य, सम्मान और विश्व के लिए साझे संकल्प का है। उन्होंने आगे कहा कि जापान से हमारा रिश्ता बुद्ध, बोद्ध, ज्ञान और ध्यान का है। उन्होंने कहा, "जापान से प्रभावित होकर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि हर भारतीय नौजवान को अपने जीवन में कम से कम एक बार जापान की यात्रा जरूर करनी चाहिए। मैं स्वामी जी की इस सद्भावना को आगे बढ़ाते हुए, मैं चाहूंगा कि जापान का हर युवा अपने जीवन में कम से कम एक बार भारत की यात्रा करे।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को हिंसा, अराजकता, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से मानवता को बचाने के लिए बुद्ध द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की जरूरत है। मोदी ने कहा, "आज की दुनिया को भगवान बुद्ध द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की जरूरत है। आज दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों से मानवता को बचाने का यही तरीका है, चाहे वह हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद हो और जलवायु परिवर्तन हो। "

कोरोना रोधी स्वदेशी वैक्सीन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समस्या चाहे कितनी भी बड़ी हो भारत ने हमेशा समाधान खोजा है। कोरोना के दौरान अनिश्चितता का माहौल था, लेकिन उस स्थिति में भी, भारत ने 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन्स अपने करोड़ों नागरिकों को भी लगाई और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया उस गति और मापदंड को महसूस कर रही है जिस पर भारत अपने बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण को बढ़ा रहा है। जापान हमारी इस क्षमता के निर्माण में एक अहम भागीदार है। उन्होंने कहा कि चाहे वह मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल हो, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा हो, या समर्पित फ्रेट कॉरिडोर हो, ये भारत-जापान सहयोग के बहुत बड़े उदाहरण हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने भारत में एक सशक्त और लचीले, जिम्मेदार लोकतंत्र की पहचान बनाई है। उसको बीते 8 साल में लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है। उन्होंने कहा कि भारत में आज सही मायने में जन नेतृत्व वाली सरकार काम कर रही है। गवर्नेंस का यही मॉडल, डिलिवरी को कुशल बना रहा है। यही लोकतंत्र पर निरंतर मज़बूत होते विश्वास का सबसे बड़ा कारण है।उन्होंने कहा कि आज का भारत अपने अतीत को लेकर जितना गौरवान्वित है, उतना ही तकनीक, विज्ञान, नवाचार, प्रतिभा को लेकर भी आशावान है।


Updated : 2 Jun 2022 12:30 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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