अपनी पुस्तक 'मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड' के विमोचन पर वेंकैया ने कही यह बात...
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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को संसद सत्र के दौरान होने वाले व्यवधान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसे लेकर वह थोड़ा नाखुश हैं, क्योंकि संसद में उस तरह कामकाज नहीं चल रहा है जैसा कि चलना चाहिए।
उपराष्ट्रपति के तौर पर एक वर्ष के कार्यकाल पर आधारित अपनी पुस्तक 'मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्ड' के विमोचन के मौके पर वेंकैया ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही में व्यवथान का जिक्र उन्होंने इस पुस्तक किया और ऐसा करने में उन्हें कोई हिचकिचाहट नहीं हुई है। वेंकैया ने कहा कि उन्होंने पुस्तक में राज्यसभा के पहले दो सत्रों के दौरान कामकाज नहीं होने पर निराशा जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि पुस्तक का शीर्षक 'मूविंग ऑन, मूविंग फॉरवर्ड' भारत के त्वरित विकास और युवा आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है। देश के विकास के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही जरूरी है। उन्होंने आर्थिक विकास का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय वैश्विक संस्थाएं भारत को बेहतर रेटिंग दे रही हैं और उस पर प्रत्येक भारतीय को गर्व करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजनैतिक आदर्शों से अधिक राजनैतिक आचरण की शुचिता आवश्यक है। नई पीढ़ियां अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करें। उन्होंने कहा कि पिछला संसद सत्र सामाजिक न्याय के लिए समर्पित रहा। उपराष्ट्रपति ने इस मौके पर देश में कृषि के विकास को लगातार सहायता की जरूरत बताई। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो किसान खेती छोड़ सकते हैं।
वेंकैया ने 11 अगस्त, 2017 को उपराष्ट्रपति का पद संभाला था। इस दौरान सार्वजनिक जीवन के अनुभवों को उन्होंने 245 पृष्ठों की इस पुस्तक में स्थान दिया है। पुस्तक को रूपा पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है।
Swadesh Digital
स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in