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एनपी प्रजापति बने विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा का वॉकआउट, राज्यपाल के अभिभाषण का भी किया बहिष्कार

एनपी प्रजापति बने विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा का वॉकआउट, राज्यपाल के अभिभाषण का भी किया बहिष्कार
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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को भाजपा के भारी हंगामे के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक नर्मदा प्रसाद (एनपी) प्रजापति को विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया है। विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर ने नियम पांच का हवाला देकर बिना वोटिंग के ही उन्हें विधानसभा अध्यक्ष घोषित किया। भाजपा के हंगामे के चलते दो बार सदन की कार्यवाही स्थिगित हुई और उसके बाद भाजपा द्वारा वॉकआउट करने के बाद शेष विधायकों के बीच वोटिंग हुई, जिसमें एनपी प्रजापति को 120 वोट मिले।

मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना द्वारा दो सदस्यों को विधानसभा सदस्यता की शपथ दिलाई गई। फिर, नेता प्रतिपक्ष के नाम की उद्घोषणा के बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके लिए सदन में चार कांग्रेस की तरफ से और एक भाजपा की तरफ से प्रस्ताव रखे जाने थे। कांग्रेस की तरफ से तो चारों प्रस्ताव सदन में पेश कर दिए गए, लेकिन भाजपा को प्रस्ताव रखने का मौका ही नहीं दिया गया। इस पर भाजपा विधायकों द्वारा पार्टी की तरफ से सदन में प्रस्ताव रखने की मांग की गई और नहीं मानने पर हंगामा शुरू हो गया। प्रोटेम स्पीकर ने नियम पांच का हवाला देकर बिना वोटिंग के एनपी प्रजापति को विधानसभा अध्यक्ष घोषित किया। इस पर भाजपा ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। भाजपा ने वॉकआउट कर दिया। इसके बाद बसपा विधायक द्वारा वोटिंग की मांग करने पर प्रोटेम स्पीकर ने मत विभाजन कराया गया, जिसमें एनपी प्रजापति को 120 वोट मिले।

प्रोटेम स्पीकर के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के लिए काला दिन है। सदन से वॉकआउट करने के बाद शिवराज ने आरोप लगाया कि हमारे प्रत्याशी विजय शाह के नाम को प्रस्तावित करने का अवसर नहीं दिया गया। विरोध में भाजपा विधायकों ने विधानसभा से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला। भाजपा विधायक राज्यपाल से मिलकर विरोध दर्ज कराएंगे और उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे।

इससे पहले भाजपा लगातार आठ बार विधायक रहे वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव को मध्यप्रदेश विधानसभा का नेता विपक्ष चुना गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विपक्ष द्वारा सदन की गरिमा का ध्यान रखा जाएगा। वहीं, गोपाल भार्गव ने भी सरकार को सकारात्मक सहयोग का वादा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सरकार जो भी निर्णय लेगी, उसमें विपक्ष पूरा सहयोग करेगा। विपक्ष प्रदेश हित में लिए गए निर्णयों का स्वागत करेगा, लेकिन नीति विरुद्ध निर्णयों का विरोध किया जाएगा।

राज्यपाल के अभिभाषण का भी किया बहिष्कार

मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में शामिल नहीं करने को लेकर भाजपा ने सदन में हंगामा करने के साथ सदन से वॉकआउट कर दिया और पूरे दिन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। मंगलवार को दोपहर तीन बजे से राज्यपाल का अभिभाषण होगा। भाजपा द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण का भी बहिष्कार किया गया है।

दरअसल, मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन शुरू हुआ। इस दौरान कांग्रेस विधायकों द्वारा अपनी तरफ से एनपी प्रजापति को अध्यक्ष बनाने के चार प्रस्ताव रखे और भाजपा को अपनी ओर से प्रस्ताव रखने का मौका ही नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने सदन से वॉकआउट करते हुए दिनभर की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सभी भाजपा विधायक विधानसभा से पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा। इस बीच सदन में प्रोटेम स्पीकर ने एनपी प्रजापति को विधानसभा का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।

वहीं, राज्यपाल को ज्ञापन देकर राजभवन से निकले भाजपा नेताओं ने कहा कि उन्होंने विधानसभा की मंगलवार की पूरे दिन की कार्यवाही का बहिष्कार किया है। वे राज्यपाल के अभिभाषण में भी शामिल नहीं होंगे। बता दें कि विधानसभा में दोपहर तीन बजे से राज्यपाल का अभिभाषण होगा।

विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को भाजपा ने बताया लोकतंत्र की हत्या, विरोध में निकाला मार्च

प्रोटेम स्पीकर द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एनपी प्रजापति को विधानसभा का अध्यक्ष बना दिया। भाजपा ने इस निर्णय को लोकतंत्र का काला दिन बताते हुए इस मामले को लेकर सदन से वॉकआउट कर दिया और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने विधानसभा से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला।

मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। कांग्रेस द्वारा सोची-समझी रणनीति के तहत अपनी तरफ से सदन में एनपी प्रजापति को विधानसभा अध्यक्ष बनाने के चार प्रस्ताव रख दिए, लेकिन पांचवा प्रस्ताव भाजपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रखने जा रहे थे, तो उन्हें अपना प्रस्ताव रखने से रोक दिया और एनपी प्रजापति के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए प्रोटेम स्पीकर ने चारों प्रस्तावों पर स्वीकृति लेने के बाद भाजपा को अपना प्रस्ताव रखने को कहा। इस पर भाजपा ने सदन में कांग्रेस पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा का कहना है कि जब एक ही नाम का प्रस्ताव सदन में आया है और दूसरे उम्मीदवार का प्रस्ताव रखने ही नहीं दिया गया है, तो वोटिंग किसके बीच कराई जाएगी। इसे लेकर भाजपा विधायकों ने सदन में जोर-शोर से नारेबाजी की। इस दौरान दो बार सदन की कार्यवाही 10-10 मिनट के लिए स्थगित की और तीसरी बार विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो भाजपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन के बाहर जोरदार नारेबाजी की और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में विधानसभा से पैदल मार्च निकाला। यह पैदल मार्च राजभवन पहुंचा, जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भाजपा विधायकों द्वारा ज्ञापन सौंपा जाएगा।

Updated : 8 Jan 2019 9:16 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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