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प्रयोगशाला तक सीमित न रहे खोज, आमजन की स्थानीय समस्याओं का हो समाधान

प्रयोगशाला तक सीमित न रहे खोज, आमजन की स्थानीय समस्याओं का हो समाधान
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां कहा कि अब भारत विज्ञान में खोज की दृष्टि से आगे बढ़कर विज्ञान से समाधान करने की दिशा में काम कर रहा है। उनका मानना है कि वैज्ञानिक खोज केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। वह आमजन तक भी पहुंचनी चाहिए।

प्रधानमंत्री भारत-इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन के 24वें सत्र के दो दिनों के तकनीकी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 70 साल और विज्ञान व तकनीक क्षेत्र में संबंधों को 40 वर्ष पूर हो गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीकी जगत में बढ़ी तेजी से विकास हो रहा है, जिसके चलते आमजन तक किसी तकनीक का लाभ पहुंचने से पहले नई और बेहतर तकनीक आ जाती है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती है कि तकनीकी विकास के साथ चलना और उसमें नए अवसर तलाशना। उनका मानना है कि तकनीक से अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक जीबी डाटा की कीमत पिछले सालों में 90 प्रतिशत कम हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत में वैज्ञानिक और तकनीकी टेम्परामेंट विकसित करने पर जोर दे रही है। अटल इनोवेशन मिशन के माध्यम से देशभर में ऐसे युवाओं का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। भारत अब आईटी साफ्टवेयर पावर की अपनी पहचान को अगले स्तर पर ले जाने के लिए आगे बढ़ रहा है।

भारत में नवाचार के साथ गुणवत्ता पर भी जोर दिया जा रहा है। भारत का स्पेस प्रोग्राम इसका बेहतरीन उदाहरण है और इसकी सफलता तो इटली ने भी महसूस की है। आज भारत इटली समेत दुनिया के अनेक देशों के सैटेलाइट बहुत कम खर्च पर अंतरिक्ष में भेज रहा है।

उन्होंने कहा कि इटली अपने उच्च गुणवत्ता के लिए मशहूर है। ऐसे में भारत उसकी मदद से उच्च गुणवत्ता शोध को अधिक मजबूत कर सकता है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत-इटली द्विपक्षीय औद्योगिक शोध एवं विकास सहयोग कार्यक्रम के अगले चरण की शुरुआत की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि इससे हमारे उद्योग और रिसर्च संस्थान बिना किसी बाधा के नए उत्पाद विकसित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि भारत और इटली एलएडी यानी जीवन शैली सहायक उपकरण डिजाइन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। इसमें भी चमड़ा क्षेत्र, परिवहन और ऑटोमोबाइल डिजाइन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

इस अवसर पर कार्यक्रम को इटली के प्रधानमंत्री ज्यूसेपे कॉन्टे और विज्ञान एवं तकनीक मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी संबोधित किया।

Updated : 30 Oct 2018 8:04 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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