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#J&K : किसी के पास नहीं था बहुमत, विस भंग नहीं करता तो होती खरीद-फरोख्त, गिरती लाशें

-फैक्स भेजकर नहीं बनती सरकारें, किसी ने भी नहीं दिया सरकार बनाने का पत्र

#J&K : किसी के पास नहीं था बहुमत, विस भंग नहीं करता तो होती खरीद-फरोख्त, गिरती लाशें
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के पीछे कारणों को राज्यपाल ने बताया

ग्वालियर, न.सं.। जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने से उपजे राजनीतिक विवाद के बाद विधानसभा भंग करने के कारणों पर वहां के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बेबाक तरीके से बात रखी और आलोचकों पर जमकर कटाक्ष किया। आईटीएम यूनिवर्सिटी प्री-कन्वोकेशन एकेडमिक कॉन्कलेव में वरिष्ठ पत्रकार द्वारा राजभवन का फैक्स खराब होने के कटाक्ष पर एवं स्वदेश से चर्चा के दौरान राज्यपाल मलिक ने कहा कि अगर महबूबा मुफ्ती, फारुख अब्दुल्ला, सरकार बनाने में संजीदा थे तो श्रीनगर और जम्मू के बीच में कई उड़ाने आती हैं। किसी को भेज सकते थे, फैक्स को बहाना क्यों बनाया। उस दिन ईद की छुट्टी थी, मेरा रसोइया तक नहीं आया था। क्या मैं आपके फैक्स का 7 बजे तक आने का इंतजार करता। दोनों के पास कोई बहुमत नहीं था। मुझे यह अंदाजा हो गया था कि हॉर्स ट्रेेडिंग शुरू हो गई तो रुपया भी आएगा, आतंकी भी कूदेंगे, खरीद-फरोख्त होगी, लाशें भी गिरेंगी। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल बनेगा। पंचायत चुनाव भी प्रभावित होंगे। इसलिए मैंने विधानसभा को भंग कर दिया। यदि विधानसभा भंग नहीं करता तो कश्मीर फिर से उबल पड़ता, बवाल शुरू हो जाता।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने महबूबा मुफ्ती, फारुख अब्दुला, कांग्रेस के उन सवालों का तीखा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे पास बहुमत था, हमने फैक्स भेजा, लेकिन राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी। राज्यपाल ने कहा कि मेरा फोन आप कभी करके देखिए, 24 घंटे चालू रहता है। मैं बिना समय दिए लोगों से मिलता हूं। हर व्यक्ति का फोन उठाता हूं। महबूबा जी ने एक हफ्ते पहले कहा कि मेरे एमएलए तोड़े जा रहे हैं, उन्हें एनआईए में फंसाया जा रहा है। मैंने यह बात दिल्ली तक पहुंचाई, लेकिन दूसरी तरफ एक यह पक्ष भी था, जहां हम देख नहीं रहे हैं। सज्जाद लोन और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन। वह कह रहे थे हमारे पास नंबर है, हमारे एमएलए को खरीदा जा रहा है। कश्मीर में जिस निगम चुनाव में जान से मारने की धमकी दी जाती है, पंचायत के चुनाव में वोट डालने वालों को धमकी दी जा रही है तो आप समझ सकते हैं कि इस शक्ति-प्रदर्शन में क्या होता होगा। दोनों तरफ से किसी के पास बहुमत के आकड़े के नंबर नहीं थे। यह मुझे पता नहीं था कि वाट्सएप और ट्वीट करके सरकारें बनती हैं। सरकारें बनाने के दावे बैठकर होते हैं। मैं पंद्रह दिनों से देख रहा था और मैं आश्वस्त था कि किसी के पास बहुमत नहीं है। यदि मैं बहुमत साबित करने के लिए किसी एक को भी बुला लेता तो खुला खेल शुरू हो जाता। मैं दिल्ली से चार बजे पहुंचा तो आईबी, इंटेलीजेंस के लोग मेरे पास आए और कश्मीर में अस्थिरता की बात कही। इसलिए मैंने विधानसभा को भंग कर दिया। मैंने दिल्ली में किसी से पूछने की जरूरत इसलिए नहीं समझी कि मैं दिल्ली को पहले ही अवगत करा चुका था। अगर मैं दिल्ली से पूछता तो हो सकता था कि मेरे ऊपर सज्जाद लोन की सरकार बनाने का दबाव होता और यदि मैं ऐसा करता तो वह मेरे लिए घोर अपराध होता।

हुर्रियत बिना पाकिस्तान के बाथरूम भी नहीं जाती

हुर्रियत पर हमला बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि हुर्रियत बिना पाकिस्तान के बाथरूम भी नहीं जाता। हुर्रियत की भारत से बात के सवाल पर उसकी शर्त रहती है कि पहले पाकिस्तान से बात करो। पाकिस्तान को हम कश्मीर में कभी पंचायत नहीं करने देंगे। आप हमारे लोग हैं, आपसे हम बात करेंगे। कश्मीर की समस्या का हल किसी नेता के पास नहीं है। वहां की समस्या का हल कश्मीर के नौजवानों के पास है। कश्मीर की यह पीढ़ी इस समय अंधेरे में है। बहुत खतरनाक तरीके से उनकी फीडिंग हो रही है, साहित्य बांटा जा रहा है और उनको सपना दिखाया जा रहा है की हमें आजादी मिल जाएगी।

चार महीने में एक भी नहीं बना आतंकी, कम हुई हैं पत्थरबाजी

राज्यपाल मलिक ने कहा कि कल ही मुझे पता चला कि आतंकियों को घरों में रुकने से लोगो ने मना कर दिया। मैंने उनसे कहा कि वह बंदूक रखकर मेरे घर आएं, मैं उन्हें समझा दूंगा। यह सिर्फ 300 लड़के हैं, इनमें से ज्यादातर अप्रशिक्षित हैं। इनकी जिंदगी 3 महीने की है और यह सारे मारे जाएंगे। यह जानकार आपको बहुत खुशी होगी कि पिछले चार महीने में एक भी नया आतंकी युवा भर्ती नहीं हुआ है। पत्थरबाजी लगभग खत्म हो गई है। लोगों को समझ में आ गया है कि यह रास्ता गलत है, इससे जिंदगी खराब होगी।

इस जमाने में भी राजभवन का खराब रहता है फैक्स

पत्रकार रवीश कुमार ने कहा कि पीडीपी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा सरकार बनाने का दावा किया जा रहा था और राजभवन को फैक्स भेजने की बात भी की, लेकिन राजभवन का फैक्स आज के जमाने में कैसे खराब रह सकता है यह समझ से परे है।

मंच पर पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट, रोटा वायरस वैक्सीन के अविष्कारक पद्मभूषण डॉ महाराज किशन भान, रंगकर्मी पद्मश्री रतन थियाम, खेल प्रतिभा पद्मश्री दीपा मलिक, पूर्व सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग, सामाजिक कार्यकर्ता बेजवाडा विल्सन, कोटा विवि की कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह आदि उपस्थित रहे।

Updated : 30 Nov 2018 3:00 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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