महाराष्ट्र में समर्थन के बदले शरद पवार ने मांगा था केंद्रीय कृषि मंत्रालय, बीजेपी तैयार...
रांकपा प्रमुख पवार ने समर्थन देने के लिए दो शर्तें रखी थीं, बीजेपी तैयार नहीं हुई
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मुंबई/दिल्ली/वेब डेस्क। महाराष्ट्र में शिवसेना - कांग्रेस के साथ सरकार गठन के दौरान मची खींचतान के बीच चुपके से रांकपा चीफ भाजपा के साथ सरकार बनाने की थ्योरी पर भी काम कर रहे थे और इसके लिए वो भाजपा नेतृत्व के संपर्क में भी थे एक समाचार एजेंसी ने भाजपा सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि अगर वो शरद पवार की दो शर्तें बिना किसी शर्त के मान लेती तो महाराष्ट्र में भाजपा सरकार बच सकती थी। सूत्रों की मानें तो बीजेपी को समर्थन देने के लिए पवार ने दो शर्तें रखी थीं।
पहली शर्त थी कि - केंद्र की राजनीति में सक्रिय बेटी सुप्रिया सुले के लिए भारी-भरकम कृषि मंत्रालय रांकपा को देना।
(वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास इस मंत्रालय की जिम्मेदारी है )
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दूसरी शर्त थी कि - देवेंद्र फडणवीस की जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाना।
जब दोनों ही शर्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आई तो उन्होंने सरकार बनाने के लिए इन शर्तों को ठुकरा दिया ।
चर्चा है की अगर महाराष्ट्र में समर्थन हासिल करने के लिए एनसीपी को कृषि मंत्रालय दे दिया गया, तो फिर NDA का पुराना साथी और बिहार में पुराना सहयोगी जेडीयू भी रेल मंत्रालय के लिए दावा ठोक कर परेशान कर सकता है। दो बड़े मंत्रालय भाजपा के हाथ से निकल सकते हैं।
मोदी से मिलने भी गए शरद पवार
20 अक्टूबर को जब संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शरद पवार मिले तो करीब 45-50 मिनट लंबी बातचीत चली फिर भी उनकी मांगों पर भाजपा की तरफ से सकारात्मक रुख नहीं मिला। और न ही उन्होंने खुलकर कुछ कहा। इस बीच 22 नवंबर को रातों रात शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बागी होकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने की पेशकश कर दी। यह भी एक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है ।
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