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हादसा : मुंबई के डोंगरी में इमारत गिरने से 14 लोगों की मौत, मलबे के नीचे जिंदगी की तलाश जारी

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के दक्षिण मुंबई के डोंगरी में मंगलवार सुबह 11.40 बजे महाडा की करीब सौ साल पुरानी चार मंजिला रिहायशी इमारत गिर गई। इसमें दबकर 14 लोगों की मौत हो गई। वहीं एनडीआरएफ की टीम मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए तलाशी अभियान जारी है। एनडीआरएफ की टीम अब स्निफर डॉग की मदद से लोगों को निकालने का काम कर रही है। राज्य के आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि टंडेल मार्ग पर एक संकरी गली में स्थित महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (महाडा) की केसरबाई इमारत गिरने से हादसा हुआ। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि घनी आबादी वाले इलाके में हुए इस हादसे में सात लोग घायल भी हुए हैं। घायलों को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

- एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तीन टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। स्थानीय लोग भी एनडीआरएफ की टीम के साथ बचावकार्य में जुटे हैं। संकरी गली होने की वजह से राहत और बचाव कार्य में मुश्किल आ रही है। प्रशासन ने आसपास की इमारतों को खाली करा दिया है। हादसे से प्रभावित लोगों के लिए बीएमसी ने इमामबाड़ा म्युनिसिपल सेकंडरी गर्ल्स स्कूल में शेल्टर होम बनाया है।

- जर्जर था इमारत का आधा हिस्सा

संकरी गली में बनी इस इमारत के नीचे दुकानें थीं। ऊपरी मंजिलों पर परिवार रह रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत का आधा हिस्सा जर्जर था, जिसके गिरने की आशंका पहले से ही थी।

- प्रधानमंत्री ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई हादसे गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, मुंबई के डोंगरी में इमारत ढहने की घटना पीड़ादायक है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खो दिया है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। महाराष्ट्र सरकार, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव अभियानों में जुटे हुए हैं।

- समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं होती: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुंबई में चार मंजिला रिहायशी इमारत के गिरने की घटना पर मंगलवार को दुख जताया। उन्होंने कहा, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समय रहते कारगर कार्रवाई क्यों नहीं होती? प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, मुंबई में चार मंजिला इमारत के मलबे में फंसे लोगों के सकुशल होने की कामना करती हूं। दुखी परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। राहत और बचाव कार्य में कांग्रेसजन यथासंभव सहयोग करें। हाल में घटी इस तरह की यह तीसरी घटना है। आखिर क्यों समय रहते इस पर कुछ कार्रवाई नहीं होती है?

- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, इमरत करीब 100 साल पुरानी थी। वह खस्ता हाल इमारतों की सूची में नहीं थी, उसे पुन:विकास के लिए डेवेलपर को दिया गया था। वहां 10-15 परिवार रह रहे थे।

- महाडा अध्यक्ष उदय सामंत ने बताया कि यह इमारत उसके अधिकार क्षेत्र में जरूर थी, लेकिन इसे पुन:विकास के लिए प्राइवेट बिल्डर को दिया गया था। जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- एनसीपी नेता मजीद मेमन ने कहा कि इमारतों को चिह्नित करने और उन्हें खाली कराने के लिए उचित कदम उठाने में राज्य सरकार असफलता रही है।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार इमारत का एक बड़ा हिस्सा सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गिर गया। बेहद घनी आबादी और संकरी सड़कों वाले इलाके में स्थित इस इमारत में काफी लोग रह रहे थे। इसके मलबे में 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है।

बीएमसी ने इमामबाड़ा नगरपालिका उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय में आश्रयस्थल बनाया है।दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और निकाय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं लेकिन संकरी सड़कों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं। बचाव कार्य में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें भी मौके पर पहुंच गयी हैं। एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पा रही है, उसे 50 मीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा।

दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में मंगलवार को एक चार मंजिला आवासीय इमारत गिर गयी जिससे कम से कम दो लोगों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हैं। मलबे में 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका है।

मौके पर पहुंचे मुम्बादेवी के विधायक अमिर पटेल का कहना है कि हमार अंदाजा है कि मलबे में अभी भी 10-12 परिवार फंसे हुए हैं। एक अन्य विधायक भाई जगताप का कहना है कि निवासी लगातार महाडा से शिकायत कर रहे थे कि इमारत बहुत पुरानी है और बेहद खस्ता हाल है। इस इमारत का मालिकाना हक महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (महाडा) के पास है। संस्था के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।

वहीं महाडा का कहना है कि उसने यह इमारत पुन:विकास के लिए एक प्राइवेट बिल्डर को दी गयी थी और वह जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगी। महाडा के अध्यक्ष उदय सामंत का कहना है कि डोंगरी स्थित इमारत उसके अधिकार क्षेत्र में जरूर थी लेकिन उसे पुन:विकास के लिए प्राइवेट बिल्डर को दिया गया था। उन्होंने कहा, अगर बिल्डर ने पुन:विकास में देरी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि महाडा के अधिकारी इसे लिए जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कर्रवाई होगी।

संकरी गली में बनी इस इमारत के नीचे दुकानें बनी थीं, जबकि इसकी ऊपरी मंजिलों पर परिवार रह रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग छह परिवार इस इमारत में रह रहे थे। इमारत का आधा हिस्सा जर्जर था, जिसके गिरने की आशंका पहले से ही थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे आसपास के लोगों में गुस्सा भी है।

Updated : 17 July 2019 5:11 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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