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कांग्रेस के अधिकतर नेता आपस में एक-दूसरे से निपटने में लगे हैं : प्रधानमंत्री मोदी

कांग्रेस के अधिकतर नेता आपस में एक-दूसरे से निपटने में लगे हैं : प्रधानमंत्री मोदी
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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीड और भाजपा के बंधन को कभी नहीं तोड़ा जा सकता है। उन्होंने महाराष्ट्र में बीड जिले के परली में आयोजित एक जनसभा में यह बात कही। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा, "आज एकसाथ मुझे दो-दो भगवानों का दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। यहां पहुंचते ही पहले बाबा वैद्यनाथ के चरणों में चला गया, उसके बाद इस विशाल जनता जनार्दन का दर्शन करने का मौका मिला, जनता भी भगवान का रूप होती है।"

उन्होंने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव को भाजपा की 'कार्यशक्ति' और विपक्ष की 'स्वार्थ शक्ति' के बीच की लड़ाई बताते हुए अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि इन प्रावधानों को खत्म करने का विरोध करने वालों का इतिहास में जिक्र किया जाएगा।

महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों की संख्या 288 है। इसमें 234 सामान्य सीटें हैं, जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए क्रमशः 29 और 25 सीटें आरक्षित हैं। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को एक ही चरण में चुनाव कराने की घोषणा की है। मतों की गिनती 24 अक्ट्रबर को होगी। लोकसभा चुनाव 2019 में भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को खत्म हो रहा है।

-बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद हम सभी पर बना हुआ है। सोमनाथ से लेकर वैद्यनाथ तक, काशी विश्वनाथ से लेकर केदारनाथ तक, सम्पूर्ण विश्व पर महादेव की कृपा बनी हुई है।

-आपने बार-बार, हर बार यहां कमल खिलाया है। इस बार तो मुझे लगता है कि पहले के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।

-विरोधी दल के नेताओं को चिंता हो रही है कि भाजपा के कार्यकर्ता इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं? मैं आज बीड से उनको बता दूं कि, भाजपा के पास लगन से कार्य करनेवाले कार्यकर्ता हैं, तभी वो दिलों को जीतते हैं और दलों को जिताते हैं।

-ये जन सैलाब देख कर कांग्रेस और NCP वालों का क्या होता होगा। उनकी तो सांसे फूलती होंगी। कांग्रेस के अधिकतर नेता आज आपस में एक दूसरे से निपटने में लगे हैं। इनकी युती में जो युवा नेता थे वो भी साथ छोड़ रहे हैं और वरिष्ठ नेता आज हताश-निराश हैं।

-आज महायुती के पक्ष में बुलंद आवाज है। आज अगर महायुति के पक्ष में माहौल है तो इसके पीछे बीते पांच वर्ष की हमारी कार्यशक्ति है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की स्वार्थशक्ति है।

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हमने अपनी कार्यशक्ति के दम पर, ज़मीन पर जनहित के कार्यक्रम उतारे और ये अपनी स्वार्थशक्ति की वजह से उसका मजाक उड़ाते रहे, हर योजना, हर फैसले की आलोचना करते रहे।

-इनके कारनामे ऐसे हैं, जिनसे भारत का अहित चाहने वालों को ऑक्सीजन मिलती है। दो महीने पहले जब भारत ने अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया। इतिहास में जब भी 370 की चर्चा होगी, तो देशहित में किए निर्णय का विरोध करने वालों का, उनके बयानों का जिक्र जरूर होगा।

-देश की एकता-अखंडता में कांग्रेस को हिन्दू मुसलमान नजर आता है। कांग्रेस कहती है कि कश्मीर का मुद्दा भारत का अंदरूनी मामला नहीं है। कांग्रेस के एक और नेता ने कहा कि ये देश को बर्बाद करने वाला फैसला है। क्या ऐसे बयान देने वालों को आप माफ करेंगे?

-केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन शुरू किया है। इसके तहत आने वाले 5 वर्षों में सिर्फ पानी के लिए साढ़े 3 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पानी के लिए इतना गंभीर प्रयास भारत में तो क्या विश्व के इतिहस में भी नहीं हुआ होगा।

-महाराष्ट्र भाजपा ने 2022 तक हर घर जल पहुंचाने का संकल्प लिया है। ये संकल्प ऐसे ही नहीं लिया गया, इसके पीछे महाराष्ट्र सरकार के बीते पांच वर्षों का ट्रैक रिकॉर्ड भी है।

-सिंचाई से लेकर कमाई की चिंता, महायुती की सरकार ने की है। सूखे के कारण जब आपदा आई तो सरकार ने तत्काल मदद पहुंचाई। आपदा राहत हो या फसल बीमा, हर तरह की मदद पहुंचाई है। अब किसानों के खाते में सीधे सहायता राशि दी जा रही है।

-आप सभी इस बात के गवाह हैं कि पहले किस तरह से हर जगह बिचौलियों का राज होता था। गरीब के राशन और अपकी कमाई तक में कट लगता था। हमने बिचौलियों के खेल को पूरी तरह से बंद कर दिया है। आज करीब 400 योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंच रहा है।

-आज सड़क, रेल, पुल, अस्पताल, जैसी आधुनिक सुविधाएं तेजी से बढ़ रही हैं और दूर दराज के क्षेत्रों में भी मिल रही हैं। अकेले मराठवाड़ में ही करीब 50,000 करोड़ रुपये के रास्ते बन रहे हैं।

-बीते पांच वर्षों में यहां स्वयं सहायता समूहों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। बीते पांच वर्षों में स्वरोजगार और सशक्तिकरण के इस आंदोलन को हमने बहुत बल दिया है। महाराष्ट्र भाजपा ने ये संकल्प लिया है कि आने वाले पांच वर्षों में 1 करोड़ और बहनों को इस बचत समूह के आंदोलन से जोड़ा जाएगा।

साल 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी 122 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। भाजपा ने पहली बार महाराष्ट्र में इतनी सीटें हासिल की थीं। वहीं, कांग्रेस 42 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर खिसक गई। इसके अलावा, शिवसेना 63 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रहने वाली पार्टी थी। शरद पवार की राकांपा को 41 सीटें मिली थीं।

2014 में 63.08 प्रतिशत वोट डाले गए थे। कुल 52691758 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। जिसमें 28383004 पुरुष, 24308397 महिला और 357 थर्ड जेंडर वोटर्स शामिल थे। पिछले विधानसभा चुनाव में 63.08 प्रतिशत वोट डाले गए थे।

Updated : 17 Oct 2019 8:17 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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