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जेटली की याद में मोदी भावुक, कहा - उनकी कमी पल पल महसूस करता हूं

जेटली की याद में मोदी भावुक, कहा - उनकी कमी पल पल महसूस करता हूं
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के लिए आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है। ये सभा दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में शाम 4 बजे शुरू हुई। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले दिनों जेटली जी के लिए जो लिखा और कहा गया है इस सब से उनके व्यक्तित्व की अहमियत का पता लगता है। कल्पना कीजिए कि मेरा क्या हाल होगा जो इतने प्रतिभावान साथी को खो दिया। गृह मंत्री अमित शाह, लाल कृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता और विपक्षी नेताओं ने भी अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि जेटली का बीते 24 अगस्त को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वे 66 साल के थे और उन्होंने दिल्ली के एम्स में अपनी आखिरी सांसें लीं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले दिनों जेटली जी के लिए जो लिखा और कहा गया है इस सब से उनके व्यक्तित्व की अहमियत का पता लगता है। कल्पना कीजिए कि मेरा क्या हाल होगा जो इतने प्रतिभावान साथी को खो दिया। मैं इसे हर पल अनुभव करता हूं। उनकी बीमारी लंबी समय की थी। वे अभी तक भी जब भी बात करते तो सिर्फ देश की।

पीएम ने कहा, 'पहली बार जब कोई क्लाइंट उनके पास जाता था तो निराश होता था। जब मैं अपनी समस्या समझा रहा था तो वह टीवी देख रहे थे, जब मैं अपनी दिक्कत के बारे में बात कर रहा था तो वे खाने का ऑर्डर कर रहे थे। वह निराश होकर जाता था, लेकिन जब वह कोर्ट में उन्हें सुनता था तो स्तब्ध हो जाता था। '

पीएम ने कहा, 'उनकी याद्दाश्त बहुत तेज थी। अरुण जी का यह सामर्थ्य पार्टी के लिए अनमोल रत्न था। वे दुनिया के किसी भी विषय के बारे में जानकारी रखते थे। मीडियावालों के लिए वह बहुत प्रिय थे। मुझे याद है कि अटल जी थे तब भी किसी चीज की ड्राफ्टिंग होती थी तो या तो आडवाणी जी उसे हाथ लगाते थे या जेटली जी लगाते थे। सही शब्द को सही जगह इस्तेमाल करने के काम वह बखूबी जानते थे।'

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अरुण जी के असमय जाने से देश, संसद, बीजेपी, अरुण जी का परिवार और मेरी व्यक्तिगत क्षति भी बहुत बड़ी है। उनके जाने से जो रिक्तता सामने आई है, उसे भरा नहीं जा सकता है। शाह ने कहा कि जेटली जी खेल संगठनों को लेकर भी काफी सक्रिय थे। राजनीतिक में भी अपने बारे में सोचे बगैर पार्टी और विचारधारा के लिए अंतिम सांस तक काम कैसे करें, अरुण जी इसका उदाहरण थे। सार्वजनिक जीवन में पार्टी लाइन को पार करते हुए ढेर सारे लोगों को मित्र बनाना उनकी कला थी। उन्होंने कहा, 'कई बार उन्होंने मुझे टूटने से बचाया है। वह बड़े भाई की तरह मेरी मदद करते थे। अटल जी और मोदी जी के मंत्रिमंडल एक सफल मंत्री के तौर पर काम किया।' शाह ने कहा कि जेटली जी की वजह से ही जीएसटी पार्टी लाइन में नहीं फंसा। 370 हटाने के बाद जब उनसे बात हुई तो कतई नहीं लगा कि वह बीमार हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा, 'जो भी उनसे मिलता था, उनका कायल हो जाता था। उनकी योग्यता का मैं भी कायल हो गया था। अटल जी के मंत्रिमंडल में हम दोनों ने साथ ही शपथ ग्रहण किया था। बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में जब मैं जिम्मेदारी संभाल रहा था। बीजेपी का नैरेटिव सेट करने काम अरुण जी करते थे। बुद्धिजिवियों के बीच बीजेपी को लेकर नैरेटिव बदलने की भूमिका सबसे ज्यादा जेटली जी की थी।'

बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, '1977 में जेटली को जनता पार्टी का ऐग्जिक्यूटिव मेंबर बनाया गया। 26-27 साल की उम्र में इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली। संगठन ने कहा कि अभी राजनीति में नहीं जाना है, विद्यार्थियों में काम करना है। उन्होंने उसी समय इस्तीफा देकर छात्र राजनीति में प्रवेश किया। बड़ी-बड़ी समस्यों को 5 मिनट में सुलझाकर बोलते थे कि नड्डा वॉट नेक्स्ट? यह उनकी महारथ थी। उनकी कमी हमें सदा खलती रहेगी।'

इस दौरान कांग्रेस के सीनियर नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लगभग 35 साल के कानून, सामाजिक जीवन और राजनीति के अलग-अलग भागों में जिस व्यक्ति के साथ काम किया हो, जिसका विरोध किया हो, उसके बारे में कई यादें आती हैं। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता था कि हम अदालत में एक-दूसरे के सामने होते थे। फिर वो संसद जा रहे होते थे तो मैं उनसे कहता था कि आप कम से कम आधा घंटा तो बोलेंगे ही, मैं एक केस और खत्म करके आता हूं। सिंघवी ने कहा कि जेटली खाने-पीने के इतने शौकीन थे कि एक बाद चार घंटे की ट्रेन लेकर ज्यूरिक से लॉसऐन पहुंच गए क्योंकि वहां एक सिक्ख परिवार था, जो बहुत अच्छा खाना बनाता था।

एनसीपी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा, 'मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि अरुण जेटली की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने की स्थिति मेरे ऊपर आएगी।'

बता दें कि लंबी बीमारी के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का 23 अगस्त को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। पूर्व वित्त मंत्री को सांस लेने में तकलीफ के कारण 9 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में जेटली ने वित्त मंत्रालय के साथ कई मौकों पर रक्षा मंत्रालय का काम भी संभाला था।

Updated : 10 Sep 2019 2:18 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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