Home > Lead Story > केरल की लिनी पुथुस्सेरी को मरणोपरांत राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड से किया गया सम्मानित

केरल की लिनी पुथुस्सेरी को मरणोपरांत राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड से किया गया सम्मानित

-36 नर्सों को

नई दिल्ली। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय सेवाओं के लिए गुरुवार को देश की 36 नर्सों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड से सम्मानित किया गया। वर्ष 2018 में केरल में फैले घातक निपाह वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज करते करते अपनी जिंदगी कुर्बान करने वाली नर्स लिनी पुथुस्सेरी को मरणोपरांत नेशनल फ्लोरेंस नाइटेंगल अवॉर्ड 2019 से सम्मानित किया गया है। ईएमएस मेमोरियल कोऑपरेटिव अस्पताल में निपाह वायरस से ग्रसित मरीजों के इलाज के दौरान 30 वर्षीय नर्स लिनी पुथुस्सेरी भी निपाह वायरस का शिकार बन गई थीं। तब उनका दाह संस्कार भी आनन-फानन में कर दिया गया था ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके, और इसी कारण वह अपने परिवार को देख भी नहीं पाई थीं। परिवार की सहमति से मृत्यु के तुरंत बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

भारत सरकार ने वर्ष 1973 में नर्सों द्वारा की जाने वाली मानव सेवा और सरानीय कार्य को ध्यान में रखते हुए नेशनल फ्लोरेंस नाइटिंगल अवॉर्ड की शुरुआत की थी। लिनी पुथुस्सेरी के पति संजीव पुथुस्सेरी ने गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंग से यह पुरस्कार प्राप्त किया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित अवार्ड समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विशेषतौर लिनी के साहस और करुणा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नर्सें सेवा और करुणा की मूर्त रूप हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में काम कर रहीं नर्सें राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। पोलियो उन्मूलन, मलेरिया और एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक करने की दिशा में भी नर्सें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मौजूदा समय में प्रशिक्षित नर्सों की आवश्यकता बढ़ी है।

राष्ट्रपति ने कहा मरीजों की देखभाल करने वाले तिमारदारों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। देश को नर्सों के सेवाभाव औऱ समर्पित योगदान पर गर्व है। इनके काम को सम्मानित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2020 को नर्स और मिडवाइफ के नाम समर्पित किया है। साल 2020 फ्लोरेंस नाइटिंगल की 200वीं वर्षगांठ हैं।

इस मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्यमंत्री डॉ. हर्षवर्धन, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनी चौबे और स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड की शुरुआत वर्ष 1973 में की गई थी।

Updated : 5 Dec 2019 1:48 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top