Home > Lead Story > BJP दफ्तर में सिंधिया, शिवराज जैसा नेता प्रदेश में नहीं

BJP दफ्तर में सिंधिया, शिवराज जैसा नेता प्रदेश में नहीं

भोपाल/नई दिल्ली। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहली बार भोपाल आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उनके अंदर सिंधिया परवार का खून है। उन्होंने कहा- 'आज के दिन मेरे लिए काफी भावनात्मक दिन है। मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता हूं कि यह परिवार (बीजेपी) ने मेरे लिए दरवाजे खोले हैं और जहां पर मुझे पीएम मोदी जी, नड्डा साहब और अमित भाई का आशीर्वाद मिला।'

उन्होंने भोपाल के बीजेपी ऑफिस में कहा- "अगर प्रदेश में दो नेता हैं जो शायद अपनी कार में एसी ना चलाएं वो केवल शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। मेरी आशा है कि आप एक हैं और हम एक हैं और जब एक और एक मिल जाए तो 2 नहीं 11 होने चाहिए।"

ज्योतिरादित्य ने कहा कि 1967 में कांग्रेस ने मेरी दादी को ललकारा था और उस वक्त क्या हश्र हुआ वह सबने देखा। ज्योतिरादित्य ने 1990 में हवाला कांड का भी लोगों के सामने जिक्र किया और कहा कि आज मुझे किसानों की आवाज उठाने पर ललकारा है। उन्होंने कहा कि मैंने मंदसौर किसानों का मुद्दा उठाया था।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, मेरे लिए यह एक भावनात्मक दिन है क्योंकि जिस परिवार और संगठन के साथ मैंने 20 साल बिताए हैं, उस संगठन में जहां मैंने कड़ी मेहनत और प्रयास किए, वे सब पीछे छोड़कर मैं खुद को आपको सौंप दिया है।

इससे पहले, भोपाल वापस आए ज्योतिरादित्य सिंधिंया का भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने फूल और मालाओं के साथ शानदार स्वागत किया। इस दौरान लोग ढोल बजाते और थाप पर नाचते हुए नजर आए।

इससे पहले, ज्योतिरादित्य ने बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदी में पार्टी ज्वाइन किया था। इसके बाद बीजेपी की तरफ से उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है।

कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होते वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया पुरानी पार्टी पर खूब बरसे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जड़ता की शिकार हो गई है और नए नेतृत्व के लिए सही वातावरण नहीं है। उन्होंने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर किसानों-युवाओं से किए वादे न निभाने तथा भ्रष्टाचार में डूबे रहने का आरोप लगाया।

ज्योतिरादित्य सिंधिया 18 वर्षों तक कांग्रेस में रहे। उन्होंने 10 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया और 11 मार्च को जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन की। सिंधिया के साथ-साथ कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई।

Updated : 12 March 2020 2:56 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top