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#MeToo: संडे गार्जियन अखबार की संपादक जोयिता बसु ने कोर्ट में एमजे अकबर के समर्थन में बयान दर्ज कराये

#MeToo: संडे गार्जियन अखबार की संपादक जोयिता बसु ने कोर्ट में एमजे अकबर के समर्थन में बयान दर्ज कराये
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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की याचिका पर सुनवाई के दौरान आज संडे गार्जियन अखबार की संपादक जोयिता बसु ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए।

जोयिता ने एमजे अकबर का समर्थन करते हुए कहा कि प्रिया रमानी के ट्वीट से एमजे अकबर की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। मामले की अगली सुनवाई 7 दिसम्बर को होगी, जिसमें अन्य गवाहों की गवाही दर्ज की जाएगी।

अपने बयान में जोयिता बसु ने कहा कि प्रिया रमानी ने एमजे अकबर के खिलाफ जानबूझकर अपमानजनक ट्वीट किए ताकि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। बसु ने कहा कि उन्होंने 10 अक्टूबर और 13 अक्टूबर को प्रिया रमानी के ट्वीट देखे थे । उन ट्वीट से लोगों के मन में एमजे अकबर के बारे में संदेह पैदा हो गया। जोयिता बसु ने कहा कि उन्होंने एमजे अकबर के साथ करीब 20 वर्षों तक काम किया है और कभी भी अखबार के किसी कर्मचारी से कुछ भी गलत नहीं सुना। बसु ने कहा कि एमजे अकबर एक पब्लिक फिगर थे। उन्होंने कहा कि मैं एमजे अकबर का काफी सम्मान करती हूं। मैं प्रिया रमानी के ट्वीट देखकर आश्चर्यचकित और निराश हो गई थी।

पिछले 31 अक्टूबर को एमजे ने अपना बयान दर्ज कराया था । एमजे अकबर ने अपने बयान में कहा था कि पत्रकार प्रिया रमानी के झूठे और बेबुनियाद ट्वीट की वजह से उनकी प्रतिष्ठा को गहरी चोट पहुंची । उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा ।

उन्होंने कहा था कि संपादक और लेखक के रुप में उनकी अच्छी छवि है। उन्होंने कहा था कि प्रिया रमानी के आरोपों ने लोगों की नजर में उनकी छवि को गिराया है। इन आरोपों ने दोस्तों, मेरे सहयोगियों, मेरे राजनीतिक दोस्तों की नजर में गिराने का काम किया है ।

एमजे अकबर ने कहा था कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रुप में की । उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के बारे में कहा कि उन्होंने 2014 में सार्वजनिक जीवन शुरू किया था और भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना। फिलहाल मैं मध्य प्रदेश से सांसद हूं। उन्होंने कहा था कि प्रिया रमानी के ट्वीट पर मेरा ध्यान अफ्रीका के आधिकारिक दौरे से लौटने के बाद गया। उन्होंने कहा था कि प्रिया रमानी के ट्वीट का संबंध vogue india मैगजीन में छपे एक आलेख से है। वह आलेख एक इतिहास था और सबसे पहले अक्टूबर 2017 में छपा था। अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी के 10 और 13 अक्टूबर के ट्वीट ने मेरी छवि को काफी नुकसान पहुंचाया। उन ट्वीट को कई जगह छापा गया और सोशल मीडिया पर उसकी चर्चा होती रही।

अकबर की वकील गीता लूथरा ने कोर्ट को उन पब्लिकेशंस की सूची दी, जिन्होंने वो ट्वीट छापे। अकबर ने कहा था कि रमानी के ट्वीट कई बार रीट्वीट किए गए और सोशल मीडिया पर शेयर किए गए। उन्होंने कहा कि ट्वीट में सुसंगतता नहीं थी। जब vogue india में 2017 में आलेख छपा था तो उसमें मेरा नाम शामिल नहीं था। प्रिया रमानी ने लिखा था कि मेरा नाम पहले क्यों नहीं शामिल किया गया। ये इसलिए किया गया कि मैंने कुछ नहीं किया था। आठ अक्टूबर के ट्वीट में इसका उल्लेख है।

अकबर ने कहा था कि इस पब्लिकेशन ने उन्हें प्रभावित किया। उनके सहयोगी और दोस्त स्तब्ध थे। उनके पास भी इन आरोपों को लेकर कई सारे फोन आए। इन ट्वीट्स ने मेरी छवि को काफी नुकसान पहुंचाया है। इन झूठे आरोपों की वजह से मुझे काफी नुकसान हुआ। उसके बाद मैंने व्यक्तिगत हैसियत से न्याय पाने की कोशिश की। मैंने अपना पद त्याग दिया था ।

पिछले 18 अक्टूबर को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था। मामले की सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कोर्ट से कहा था कि प्रिया रमानी द्वारा ट्वीट कर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। इससे हमारी छवि को काफी नुकसान हुआ। हमने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।

गीता लूथरा ने कहा था कि प्रिया रमानी के ट्वीट की वजह से उनकी 40 सालों की अर्जित प्रतिष्ठा को देश और अंतरराष्ट्रीय जगत में काफी नुकसान पहुंचा है।

एमजे अकबर ने पिछले 15 अक्टूबर को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है।

Updated : 14 Nov 2018 3:44 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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