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भारतीय वैज्ञानिकों को प्रयोगशालाओं में प्लास्टिक का विकल्प खोजना होगा : पीएम मोदी

भारतीय वैज्ञानिकों को प्रयोगशालाओं में प्लास्टिक का विकल्प खोजना होगा : पीएम मोदी
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बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि रिसर्च और डेवलपमेंट का एक ऐसा इकोसिस्टम इस शहर ने विकसित किया है, जिससे जुड़ना हर युवा वैज्ञानिक, हर इनोवेटर, हर इंजीनियर का सपना होता है। लेकिन इस सपने का आधार क्या सिर्फ अपनी प्रगति है? जी नहीं, ये सपना जुड़ा हुआ है, देश के कुछ कर दिखाने की भावना से।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात आज भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें सेशन को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले प्रधानमंत्री ने I-STEM पोर्टल को लॉन्च किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि New India को टेक्नोलॉजी भी चाहिए और लॉजिकल टेम्परामेंट भी चाहिए ताकि हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन के विकास को हम नई दिशा दे सकें।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश में Governance के लिए, जितने बड़े पैमाने पर साइंस एंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। कल ही हमारी सरकार ने देश के 6 करोड़ किसानों को एक साथ पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रांसफर करके एक रिकॉर्ड कायम किया है।

धानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के विकास में खासतौर पर ग्रामीण विकास में टेक्नोलॉजी की उपयोगिता को हमें व्यापक बनाना है। आनेवाल दशक भारत में साइंस और टेक्नोलॉजी आधारित गवर्नेंस के लिए एक अच्छा समय होने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक को खत्म करने का संकल्प लिया है, ताकि पशु-पर्यावरण को बचाया जा सकें। वैज्ञानिकों को प्लास्टिक का कोई विकल्प खोजना होगा, ताकि आम इंसान को दिक्कत नहीं आ पाए। आप जो समाधान देंगे, उसे लघु उद्योग बाजार में उतार पाएंगे। हमारा प्रयास 2022 तक कच्चे तेल के आयात को 10 फीसदी तक कम कर पाएं, इसके लिए हमें अपने देश में बायो फ्यूल जैसे क्षेत्र में काम करना होगा।

Updated : 4 Jan 2020 10:28 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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