उत्कृष्टता के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता जरूरी
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को यहां ग्रेडेड स्वायत्ता पर कुलपतियों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि उत्कृष्टता हासिल करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता महत्वपूर्ण है और सरकार विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वर्गीकृत स्वायत्तता पर यूजीसी नियम एक बड़ा सुधार है और विश्वविद्यालयों को इस अवसर का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपनी स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता है। अमेरिकी विश्वविद्यालयों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम विश्वविद्यालय दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करते हैं और इस प्रकार देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
यूजीसी नियमों के तहत श्रेणी 1 और श्रेणी II संस्थानों के रूप में वर्गीकृत किए गए 63 विश्वविद्यालयों के कुलपति को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने संयुक्त रूप से कार्यशाला का आयोजन किया था। यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर डी पी सिंह ने वर्गीकृत स्वायत्तता पर कहा कि यह एक विकेन्द्रीकृत प्रबंधन संस्कृति को अपनाने के लिए विश्वविद्यालयों को एक सक्षम ढांचा प्रदान करता है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलगुरु, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अलागप्पा विश्वविद्यालय, बीआईटीएस पिलानी, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल, केमिकल टेक्नोलॉजी संस्थान और ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने वर्गीकृत स्वायत्तता के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपने रोडमैप सबके सामने रखा।
खुले सत्र के दौरान कुलपतियों ने स्वायत्तता नियमों को लागू करते समय अपनी चिंताओं को उठाया और अपने अनुभव साझा किए। एमएचआरडी के उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम और यूजीसी के अन्य अधिकारियों ने कुलपतियों के साथ बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को उचित रूप से संबोधित किया जाएगा।
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