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नेशनल हेराल्ड मामले में स्वामी का क्रॉस एग्जामिनेशन 8 जनवरी तक के लिए टला

नेशनल हेराल्ड मामले में स्वामी का क्रॉस एग्जामिनेशन 8 जनवरी तक के लिए टला
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नई दिल्ली, 17 नवम्बर। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आज नेशनल हेराल्ड के मुख्य मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का क्रास-एग्जामिनेशन टाल दिया। अब इस मामले में स्वामी का क्रास-एग्जामिनेशन 8 जनवरी, 2019 को होगा।

एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने आदेश दिया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा की सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा इस केस के बारे में ट्वीट करने पर रोक लगाने की मांग पर भी 8 जनवरी, 2019 को ही फैसला सुनाया जाएगा। पिछले 12 नवम्बर को सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट से मुख्य मामले में आज यानी 17 नवम्बर को होनेवाले क्रास एग्जामिनेशन को टालने की मांग की थी ।

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा की सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा इस केस के बारे में ट्वीट करने पर रोक लगाने की मांग पर कोर्ट ने पिछले 20 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि ट्वीट में कांगी (congi) शब्द का मतलब कांग्रेस के लिए अपमानजनक टिप्पणी नहीं है। हमें ट्वीट करने का अधिकार है। हमने ट्वीट किया है लेकिन वे भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत साक्ष्य नहीं हो सकते हैं। कांग्रेस नेताओं की याचिका पर मेरिट के आधार पर फैसला होना चाहिए। स्वामी ने कहा था कि ट्वीट के जरिए उनकी मंशा कोर्ट के कामकाज को प्रभावित करने की नहीं है।

स्वामी ने शशि थरूर द्वारा अर्णब गोस्वामी के रिपब्लिक चैनल के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र किया था, जिसमें हाईकोर्ट ने चैनल को खबर प्रसारित करने की मांग खारिज कर दी थी। स्वामी ने कहा था कि हमारा कोर्ट ओपन कोर्ट है और सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने की अनुमति दे दी है। ऐसे में ट्वीट करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। स्वामी की इस दलील का आरोपितों के वकील आरएस चीमा ने विरोध करते हुए कि अभी केस बचाव पक्ष के साक्ष्य के चरण में है और उनके ट्वीट वकीलों के काम करने में बाधा खड़ी कर रहे हैं। उन्होंने स्वामी द्वारा ट्वीट में 'कांगी लायर्स' शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। चीमा ने कहा कि मैं एक वकील हूं और किसी पार्टी से संबंध नहीं रखता हूं।

पिछली सुनवाई के दौरान आरोपितों के वकील ने सुब्रमण्यम स्वामी पर अपने ट्वीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि स्वामी अपने ट्वीट में सोनिया के लिए ताड़का और राहुल के लिए बैम्बिनो (male child in Italian) जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से मांग की थी कि उन्हें इस केस के बारे में ट्वीट करने पर रोक लगाई जाए।

पिछली 20 जनवरी को सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का यंग इंडिया फर्म के खिलाफ जारी टैक्स असेसमेंट ऑर्डर की 105 पेजों की कॉपी सौंपी थी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का ये आदेश 27 दिसम्बर, 2017 का था। स्वामी के मुताबिक कांग्रेस नेताओं द्वारा एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को 90 करोड़ लोन देने की बात फर्जी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यंग इंडिया को आदेश दिया था कि 414 करोड़ रुपए के आय को छुपाया गया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यंग इंडिया को आदेश दिया था कि इस आय पर टैक्स चुकाएं। स्वामी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस आदेश का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं की एजेएल से डील को फर्जी बताया था।

सुनवाई के दौरान कांग्रेस ने स्वामी द्वारा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आदेश को चुनौती थी। कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि ये आदेश आपको कहां से मिला। तब स्वामी ने कहा था कि ये हमें कल हमारे डोरमेट पर मिला। स्वामी ने कांग्रेस के वकील से कहा था कि पहले आप अपने मुवक्किल से पूछ लीजिए, उन्हें पहले मिला होगा। कांग्रेस की ओर से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का आदेश पेश करने के लिए नोटिस जारी करने की मांग की थी।

एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है । कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास है। इसके बाद एजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर नयी बनायी कंपनी यंग इंडियन को दे दिए गए। इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को एजेएल का स्वामित्व मिल गया।

सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है।

स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है। जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं, वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए।

Updated : 18 Nov 2018 7:31 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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