भारत में अब नए इंजन से चलेंगी गाड़ियां, सरकार करने जा रही है बड़ा फैसला
सरकार जल्द फ्लेक्स इंजन को मंजूरी देगी
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नईदिल्ली। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बूस्ट करने की बड़ी योजना बना रहे है। उन्होंने कहा की वह कार कंपनियों के लिए अनिवार्य रूप से फ्लेक्स-ईंधन इंजन लाने का आदेश जारी करेंगे। इसके तहत किसी गाडी में एक से अधिक इंजन का उपयोग किया जा सकता है।
गडकरी ने बताया की वह देश में पेट्रोल के आयात को कम करने के लिए इस योजना पर कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा की भारत हर साल 8 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है। यदि भारत की पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता बनी रहती है, तो अगले 5 साल में आयात बिल बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। उन्होंने कहा की वे अगले एक-दो दिन में एक आदेश पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं। इसके तहत कार विनिर्माताओं के लिए फ्लेक्स-ईंधन इंजन लाना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया की सुजुकी हुंडई और टोयोटा मोटर्स ने अपने वाहनों में फ्लेक्स इंजन के उपयोग की सहमति दे दी है।
फ्लेक्स इंजन -
फ्लेक्स शब्द अंग्रेजी के Flexible से बना है। जिसका अर्थ है लचीलापन, इसके अर्थ से ही स्पष्ट है की एक ऐसा इंजन जो बिना किसी रुकावट अलग-अलग ईंधनों से चल सकता है। वर्तमान में ऐसे इंजनों का सबसे ज्यादा उपयोग ब्राजील में किया जा रहा है। फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियां बाय-फ्यूल इंजन वाली गाड़ियों से अलग होती हैं। बाय-फ्यूल इंजन में अलग-अलग टैंक होते हैं, जबकि फ्लेक्स फ्यूल इंजन में एक ही टैंक में कई तरह के फ्यूल डाले जाते है।
भारत में इन इंजनों के लिए इथेनॉल और मेथेनॉल को मिलाकर ईधन बनाया जा सकता है। जिसके बाद आप अपनी गाडी पेट्रोल, डीजल या इथेनॉल पर चला सकेंगे। भारत में थेनॉल की कीमत 60-62 रुपये प्रति लीटर होगी। इस तरह लोग पेट्रोल की तुलना में एक लीटर पर 30 से 40 रूपए तक बचा सकेंगे।
स्वदेश डेस्क
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