कोटा : नवजात शिशुओं की मौतों पर गहलोत सरकार ने अस्पताल पर मढ़ा दोष
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नई दिल्ली। राजस्थान में कोटा के एक अस्पताल में दिसंबर महीने में करीब 104 बच्चों की मौत हुई। इस घटना के बाद सियासत भी लगातार जारी है। विपक्ष लगातार गहलोत सरकार और स्वास्थ्य मंत्री पर लगातार हमलावर है। शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने जेके लोन अस्पताल का दौरा किया। इस मौके पर कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह ने बच्चों की मौतों को लेकर अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौतों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और नर्सों की थी। अस्पताल प्रशासन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। बता दें कि 2012 में जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी तब अस्पताल के लिए 120 बेड के लिए पांच करोड़ रुपए दिए गए। लेकिन उसमें से सिर्फ 1.7 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि 120 में से 60 बेड बच्चों से संबंधित विभाग के लिए थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का आश्चर्य हो रहा है कि एक बेड पर दो बच्चों को लेकर आज जो लोग सवाल उठा रहे हैं वे प्रदेश में पांच वर्षों तक सत्ता में रहे। 2012 में बच्चों के लिए 60 बेड का मंजूरी दी गई थी। वे बेड कहां गए? इसका जवाब कौन देगा?
आपको बता दें कि राजस्थान के कोटा स्थिति जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार ने सक्रियता दिखाई है और विशेषज्ञों की टीम कोटा भेजने का फैसला लिया है। केन्द्र सरकार के विशेषज्ञों का एक उच्चस्तरीय दल आज यानी शुक्रवार को कोटा पहुंचेगा। इतना ही नहीं, केन्द्र सरकार ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राजस्थान सरकार को अतिरिक्त मदद का आश्वासन भी दिया है।
वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को इस अस्पताल का दौरा करने आने वाले थे तो उनके स्वागत में ग्रीन कारपेट तक बिछा दिया गया। मीडिया को देखकर उसे तुरंत हटा लिया गया। इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि मंत्री के दौरे से पहले अस्पताल पुताई भी कराई गई और वार्ड में सफाई की गई।
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