भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के ममता के आह्वान को कांग्रेस ने किया खारिज
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कोलकाता/नईदिल्ली। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को शहीद दिवस के मंच से आह्वान किया है कि राज्य भर में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और माकपा के कार्यकर्ता तृणमूल के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। लेकिन उनके इस आह्वान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने दरकिनार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के खिलाफ ममता बनर्जी की लड़ाई केवल एक ड्रामा है। लोकतंत्र में ना तो ममता को कोई भरोसा है और ना ही भाजपा का। उन्होंने कहा कि आज ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि भाजपा के कार्यकर्ता उनके दफ्तरों को कब्जा कर रहे हैं, उनके कार्यकर्ताओं को मार-पीट रहे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि जब से तृणमूल कांग्रेस का जन्म हुआ उसके बाद से ममता बनर्जी की पार्टी के लोगों ने कांग्रेस के अनगिनत दफ्तरों पर कब्जा कर लिया। उन दफ्तरों की एक सूची मैं ममता बनर्जी को भेजूंगा। अगर उनके अंदर लोकतंत्र के लिए सम्मान है और दूसरी पार्टियों को साथ लेकर लड़ने की मंशा रखती है तो पहले हमारे दफ्तरों को खाली करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की दोबारा बहाली की बात ममता बनर्जी कर रही हैं जबकि विधानसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा किए बगैर मताम बनर्जी के शासनकाल में पूरे बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है।
ममता बनर्जी के आह्वान को दरकिनार करते हुए सोमेन मित्रा ने कहा कि लोकतंत्र की स्थापना और लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने का सबक हमें तृणमूल कांग्रेस से सीखने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस अपने जन्म के समय से ही लोगों के पक्ष में और भाजपा जैसी विभाजनकारी शक्तियों के खिलाफ लड़ती रही है। इसके लिए हमें ममता बनर्जी के साथ मिलकर लड़ने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी लड़ाई लड़ना जानती है और अकेले लड़ेगी। ममता अपना ख्याल रखें। मुख्यमंत्री की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में अगर भाजपा का कोई सबसे बड़ा सहायक रहा है तो वह ममता बनर्जी हैं। जब गुजरात में दंगा हुआ था तब भाजपा सरकार में वह मंत्री थीं। लंबी अवधि तक भाजपा के साथ रहने के बाद आज उन्हें भाजपा अछूत लगने लगी है। यह केवल ड्रामा है, लोग इसमें नहीं फसेंगे। (हि.स.)
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