सीएम कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस के बाद दिया इस्तीफा, राज्यपाल को सौंपा
12 बजे कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस कर किया ऐलान
भोपाल / वेब डेस्क। मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक उठा पटक एवं सियासी जंग के बीच काफी जद्दोजहद के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के लिए प्रदेश की कमलनाथ कांग्रेस सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट करने के निर्देश दिए गए हैं और उसके लिए आवश्यक निर्देशों के पालन के लिए कहा गया है। आज शुक्रवार देर रात लगभग 02 : 00 बजे मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा कार्य सूची जारी की गई। जिसमे दोपहर 2 बजे फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही का उल्लेख था।
कमलनाथ ने आज अपने आवास पर दोपहर 12 बजे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष पर सरकार को पहले दिन से अस्थिर करने के आरोप लगाते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। इससे पहले उन्होने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी पंद्रह महीने के कार्यकाल में किये गए जनहितैषी कार्यों को बताया। इस दौरान भावुक होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की उन्होंने अपने 45 साल के राजनितिक करियर में कभी अपने विभिन्न पदों और राजनीतिक साख का गलत प्रयोग नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को शाम पांच बजे तक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश के बाद विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्राजपति ने गुरुवार देर रात 16 कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे। इनमें सुरेश धाकड़, रक्षा संतराम सरोनिया, जजपाल सिंह जज्जी, विजेंद्र सिंह, रघुराज कंसाना, ओपीएस भदौरिया, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, कमलेश जाटव, रणवीर सिंह जाटव, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग, मनोज चौधरी ,एन्दल सिह कंसाना, बिसाहू लाल सिंह शामिल हैं। जिसके बाद से ही माना जा रहा था की कांग्रेस सरकार के पास अब पर्याप्त संख्या बल ना होने की वजह से वह इस्तीफा दे देंगे। उम्मीद अनुसार आज सीएम कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा देकर लंबे समय से चल रहे इस राजनीतिक घटनाक्रम का पटाक्षेप कर दिया।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट कराये जाने के आदेश पर शिवराज सिंह चौहान ने कल रात ट्वीट कर कहा था की -" सत्यमेव जयते! आज ऐसे ही अन्याय की पराजय हुई है। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र का मज़ाक बना कर रख दिया था! वल्लभ भवन को दलालों के अड्डा बना दिया था। शराब माफिया, रेत और परिवहन माफिया हावी हो रहे थे। कानून और व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि प्रदेश की करोड़ों करोड़ जनता की दुआएं और आशीर्वाद आज हमारे साथ है। फ्लोर टेस्ट में इस कांग्रेस की सरकार की पराजय होगी और नई सरकार बनने का रास्ता साफ होगा। अल्पमत की सरकार प्रदेश में नियुक्तियाँ और तबादले कर रही है। प्रशासनिक अराजकता की भी अति हो गई थी। अब दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा।"