Home > Lead Story > 14 महीने बाद हम अंतिम चरण में पहुंचे : कुमारस्वामी

14 महीने बाद हम अंतिम चरण में पहुंचे : कुमारस्वामी

14 महीने बाद हम अंतिम चरण में पहुंचे : कुमारस्वामी
X

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी सरकार को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। विधानसभा में उनके द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्होंने यह बात की।

गौरतलब है कि शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोट के जरिये जदएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के भाग्य का फैसला होना है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है। कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि पहले दिन से ही एक माहौल बनाया गया कि ''यह सरकार गिर जाएगी और यह अस्थिर है।

कुमारस्वामी ने कहा, ''14 महीने (सत्ता में) के बाद, हम अंतिम चरण में आ गए हैं। कुमारस्वामी ने भाजपा से कहा, ''आइये चर्चा करते हैं। आप अभी भी सरकार बना सकते हैं। कोई जल्दीबाजी नहीं है। आप इस काम को सोमवार या मंगलवार को भी कर सकते हैं। मैं सत्ता का दुरुपयोग नहीं करने जा रहा हूं।

कुमारस्वामी ने भाजपा से कहा, ''जिस दिन से मैं सत्ता में आया हूं, मुझे पता है कि यह लंबे समय तक नहीं रहेगा ... आप कब तक सत्ता में बैठेंगे, मैं भी यहां देखूंगा कि ... आपकी सरकार उन लोगों के साथ कितनी स्थिर होगी जो अभी आपकी मदद कर रहे हैं।

उन्होंने भाजपा से यह भी पूछा कि अगर वह अपनी संख्या को लेकर इतने ही आश्चस्त हैं तो एक दिन में ही विश्वास मत पर बहस को खत्म करने की जल्दी में क्यों है। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर दलबदल विरोधी कानून को दरकिनार करने के तरीकों का सहारा लेने का भी आरोप लगाया।

राज्य की विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि विधायकों को लुभाने के लिए 40-50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई और इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि यह पैसा किसका है।

इसी बीच, जदएस विधायक श्रीनिवास गौड़ ने आरोप लगाया कि सरकार को गिराने के लिए उन्हें भाजपा ने पांच करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी। विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने जब सदन की कार्यवाही शुरू करते हुये स्पष्ट किया कि विश्वासमत के अलावा किसी अन्य चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है, जिसके बाद कुमारस्वामी ने अपने भाषण की शुरुआत की।

कुमारस्वामी ने अध्यक्ष से कहा कि उन्हें यह तय करना होगा कि क्या बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल उनके लिए समय सीमा (शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे) निर्धारित कर सकते हैं या नहीं।

कुमारस्वामी ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया कि राज्यपाल विधानसभा के लोकपाल के तौर पर कार्य नहीं कर सकते। अध्यक्ष ने उन टिप्पणियों को खारिज कर दिया कि वह विश्वास प्रस्ताव पर वोट में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन टिप्पणियों पर नाराजगी जताते हुए कि वे विश्वासमत में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं, कुमार ने कहा, ''मैं पक्षपात नहीं कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि ऐसी चर्चा और ''अप्रत्यक्ष टिप्पणियां की गई कि वह प्रक्रिया (विश्वास मत पर मतदान) में देरी कर रहे हैं।

अपनी टिप्पणी करने के बाद, अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को विश्वास मत पर चर्चा शुरू करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ''मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं ... किसी अन्य चर्चा (विश्वास मत को छोड़कर) के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को कुमारस्वामी द्वारा पेश किए गए विश्वासमत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिये स्थगित कर दिया गया। इसके बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने कुमारस्वामी से विधानसभा में शुक्रवार अपराह्न डेढ़ बजे से पहले बहुमत साबित करने को कहा।

राज्यपाल ने कहा कि 15 सत्तारूढ़ विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से ''प्रथमदृष्या लगता है कि सदन में कुमारस्वामी ने विश्वास खो दिया है।

Updated : 19 July 2019 9:18 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top