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चरखे में छिपा है जीवन दर्शन और सफल विश्व व्यापार का मंत्र

चरखे में छिपा है जीवन दर्शन और सफल विश्व व्यापार का मंत्र
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वाराणसी/नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि बुनकरों और व्यापारियों के कौशल और केंद्र सरकार की लगातार सहायता के बलबूते भारत आज दुनिया का अव्वल नंबर का देश बन गया है। वित्त बाजार के कार्पेट कारोबार का 35 प्रतिशत हिस्सा भारत के पास है, जिसे वर्ष 2022 तक 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस समय वाराणसी, भदोही और मिर्जापुर सहित देश के विभिन्न उत्पादक केंद्रों से दुनिया के करीब 100 देशों को 9 हजार करोड़ रुपए मूल्य के कालीनों का निर्यात होता है, जिसे वर्ष 2022 तक ढ़ाई गुना बढ़ाकर 25 हजार करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य है। केवल निर्यात ही नही बल्कि कार्पेट का घरेलू बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इसे वर्तमान में 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर कुछ वर्षों में 1600 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने वाराणसी के दीनदयाल हस्त कला संकुल के सभागार में आयोजित 36 इंडिया कार्पेट एक्सपो में भाग लेने आए देश विदेश के प्रतिनिधियों को राजधानी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस प्रदर्शनी में करीब 270 निर्यातक और 38 देशों से आए आयातक कारोबारी भाग ले रहे हैं। प्रदर्शनी का आयोजन कालीन निर्यात संवर्धन परिषद ने किया है।

अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि चरखा, हथकरघा और हस्तशिल्प में पूरा जीवन दर्शन समाहित है तथा यह आजादी की लड़ाई के दौरान एक प्रमुख माध्यम थे।

चरखा और हस्तशिल्प स्वावलंबन का प्रतीक है तथा इनके जरिए निचले स्तर तक लाभ पहुचांया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने काशी के संत कबीर का उल्लेख करते हुए कहा कि कबीर ने जुलाहे के रूप में जीवन व्यतीत करते हुए लोगों को धर्म और दर्शन का ज्ञान कराया था। उन्होंने संतकबीर के एक दोहे का उल्लेख करते हुए कहा कि चरखे का चक्र जीवन चक्र की तरह है, जो इस मर्म को पहचान लेता है वह जीवन मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है।

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में जनवरी महीने में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आय़ोजन बुनकरों, कारीगरों और व्यापारियों के लिए अपने उत्पाद और कौशल को दुनिया भर से आए मेहमानों के सामने रखने का अच्छा अवसर होगा।

मोदी ने वाराणसी के सांसद के रूप में प्रदर्शनी में आए प्रतिनिधियों और व्यापारियों का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें वाराणसी में सांस्कृतिक विरासत देखने के साथ ही क्षेत्र के हस्तशिल्प कौशल और करोबार से रुबरू होने का अवसर भी मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत हस्तशिल्प और कपड़ा उद्योग को प्रोत्साहन दिया है। देश में मध्यम वर्ग का विस्तार हो रहा है तथा सरकारी सहायता के जरिए कारोबार में बढ़ोतरी की अच्छी संभावनाएं हैं।

प्रारंभ में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने आयोजन की संक्षिप्त जानकारी दी और प्रधानमंत्री से उद्बोधन का आग्रह किया।

मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जहां छोटे से छोटा कालीन बनता है। यह हमारे कालीन कला की दृष्टि से तो उत्तम है ही, पर्यावरण की दृष्टि से भी यह बेहतर हैं। मेड इन इंडिया कालीन की विश्वव्यापी धाक है तथा इस ब्रांड को और मजबूत बनाने की जरुरत है। उन्होंने कपास के खेत से फाइबर, फाइबर की फैक्टरी और फैक्टरी से फैशन तक सभी कड़ियों को मजबूत बनाने पर जोर दिया।

Updated : 21 Oct 2018 8:29 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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