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दिव्यांगों की 7 अलग-अलग तरह की कैटेगरी को बढ़ाकर 21 किया : पीएम मोदी

दिव्यांगों की 7 अलग-अलग तरह की कैटेगरी को बढ़ाकर 21 किया : पीएम मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सामाजिक अधिकारिता शिविर में सम्बोधित करते हुए कहा कि तीर्थराज, प्रयागराज में आकर हमेशा ही एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है। पिछले साल फरवरी में मैं कुम्भ के दौरान इस पवित्र धरती पर आया था। तब संगम में स्नान करके और उसके साथ-साथ मुझे एक और सौभाग्य मिला था। पूरी दुनिया में प्रयागराज की एक नई पहचान बनी। कुम्भ में एक नई परंपरा नजर आई और उसे सफल करने वाले उन सफाई कर्मचारियों के चरण धोने का और मुझे इस महान सिद्धि को पाने वाले उन सफाई कर्मचारियों को नमन करने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि ये हमारी ही सरकार है जिसने पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया। इस कानून का एक बहुत बड़ा लाभ ये हुआ है कि पहले दिव्यांगों की जो 7 अलग-अलग तरह की कैटेगरी होती थी, उसे बढ़ाकर 21 कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि नए भारत के निर्माण में हर दिव्यांग युवा, दिव्यांग बच्चे की उचित भागीदारी आवश्यक है। चाहे वो उद्योग हों, सेवा का क्षेत्र हो या फिर खेल का मैदान, दिव्यांगों के कौशल को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। सीनियर सिटिजन्स के जीवन से इस परेशानी को कम करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। गरीब वरिष्ठ नागरिकों को भी जरूरी उपकरण मिलें, इसके लिए हमारी सरकार ने तीन साल पहले 'राष्ट्रीय वयोश्री योजना' शुरू की थी। बीते कुछ समय में सरकार ने जो फैसले लिए हैं, जो अन्य योजनाएं शुरू की हैं, उनसे भी उन्हें लाभ हो रहा है। बीते 5 साढ़े 5 वर्षों में वरिष्ठ जनों का इलाज का खर्च पहले की अपेक्षा, बहुत कम हुआ है। पीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा हो या फिर बीमा योजनाएं, उनका भी लाभ गरीबों को, दिव्यांगजनों को अलग से हो रहा है। गरीब से गरीब देशवासी भी बीमा की सुविधा से जुड़े इसके लिए 2-2 लाख रुपए के बीमा की दो योजनाएं चल रही हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए भी उनका आऱक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। अपने दिव्यांग साथियों का कौशल विकास भी हमारी प्राथमिकता रही है। पिछली सरकार के पांच साल में जहां दिव्यांगजनों को 380 करोड़ रुपए से भी कम के उपकरण बांटे गए, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं। यानि करीब-करीब ढाई गुना। बीते चार-पांच वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई जा चुकी हैं। जो बची हुई हैं, उन्हें भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आपके प्रधान सेवक के तौर पर, मुझे हजारों दिव्यांग-जनों और बुजुर्गों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अभी अवसर मिला है। थोड़ी देर पहले यहां करीब 27 हज़ार साथियों को उपकरण दिए गए हैं। किसी को ट्रायसाइकिल मिली है, किसी को सुनने की मशीन मिली है, व्हीलचेयर मिली है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि ये उपकरण आपके बुलंद हौसलों के सहयोगी भर हैं। आपकी असली शक्ति तो आपका धैर्य है, आपका सामर्थ्य है, आपका मानस है। हमारे यहां कहा जाता है- स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां. न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः! यानि सरकार का ये दायित्व है कि हर व्यक्ति का भला हो, हर व्यक्ति को न्याय मिले। यही सोच तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र का भी आधार है प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे वो वरिष्ठ जन हों, दिव्यांगजन हों, आदिवासी हों, दलित-पीड़ित,शोषित,वंचित हों, 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना, उनकी सेवा करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जी के मार्गदर्शन में विगत वर्ष इसी समय प्रयागराज कुंभ ने अपनी भव्यता एवं दिव्यता का एक नया परचम दुनिया के सामने लहराया था। सैकड़ों वर्षों के बाद प्रयागराज की पहचान अक्षय वट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल पाया। यही नहीं सरस्वती कूप तक भी जाने के लिए श्रद्धालुओं को मार्ग मिल पाया।

उन्होंने कहा कि वास्तव में हर एक श्रद्धालु को दशकों के बाद गंगा की निर्मल धारा देखने का संयोग प्राप्त हो पाया है, यह आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ही हो पाया है। मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल की व्यवस्था जो आज लगभग 900 दिव्यांगजनों को एक साथ प्राप्त हो रही है, वो पहले दुर्लभ था। एक साथ इतने हजार लोगों को कृत्रिम अंग उपकरण और सहायक अंग प्राप्त हो रहे हैं ये भी एक दुर्लभ क्षण है। यह प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि दिव्यांगजनों को मिलने वाली पेंशन जो पहले मात्र 300 थी अब उसे 500 रुपये करने के साथ ही प्रदेश के 10 लाख 55 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को यह राशि उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।

Updated : 1 March 2020 8:02 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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