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भारत-रुस रक्षा संबंध को लेकर अमेरिका ने यह कहा, जानें क्या है मामला

भारत-रुस रक्षा संबंध को लेकर अमेरिका ने यह कहा, जानें क्या है मामला
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वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि भारत की तरफ से रूस के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद से न सिर्फ भारत को प्रतिबंध की कगार पर ला खड़ा करेगा बल्कि भारत और अमेरिका सैन्य सबंधों के दायरे को भी 'सीमित' कर देगा। भारत-अमेरिका सैन्य संबंध दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ते संबंध में एक अहम कड़ी है।

अमेरिकी कांग्रेस में हेड ऑफ स्टेट डिपार्टमेंट, साउथ एंड सेंट्रल एशिया ब्यूरो ने कहा कि भारत की तरफ से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद से दोनों देशों (भारत और अमेरिका) के बीच संबंध के दायरे पर असर डालते हुए उसे 'सीमित' कर देगा।

वेल्स ने कहा- "एक निश्चित सीमा पर साझेदारी को लेकर एक सामरिक पसंद होनी चाहिए और सामरिक पसंद में यह तय होना चाहिए कि वह देश कौन सा हथियार किससे खरीदने जा रहा है।" अमेरिका ने सबसे पहले पारस्परिकता बहस का इस्तेमाल एस-400 डील को लेकर तुर्की के खिलाफ किया था, जो उसका नाटो सहयोगी है।

अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस हफ्ते की शुरुआत में यह कहा कि दो परस्पर विरोधी मंच के चलते सहयोगी देश की तरफसे रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए अमेरिकी चेतावनी और धमकी को अनदेखी करने से उसकी अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान एफ-35 की खरीद पर पानी फिर सकता है, जिसे खरीदने के लिए उसने संपर्क किया और उसके लिए पैसे भी चुका दिए।

Updated : 14 Jun 2019 12:26 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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