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अफगानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा से UN परेशान, तालिबान से कहा - तुरंत रोकें हिंसा

2021 में तालिबान के शासन में आने के बाद से अफगानिस्तान में महिलाओं के कई मौलिक अधिकार प्रतिबंधित

अफगानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा से UN परेशान, तालिबान से कहा - तुरंत रोकें हिंसा
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काबुल/वेब डेस्क। अफगानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा से संयुक्त राष्ट्र संघ परेशान है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से तुरंत अफगानी महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने को कहा है।

पूरी दुनिया शुक्रवार, 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मना रही है। शुक्रवार को ही लैंगिक हिंसा के खिलाफ विश्व भर में 16 दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में अफगानिस्तान विश्व में सबसे आगे है। 2021 में तालिबान के शासन में आने के बाद से अफगानिस्तान में महिलाओं के कई मौलिक अधिकार प्रतिबंधित या रद्द कर दिए गए हैं। इन्हें बहाल करने की मांग लगातार उठ रही है। अब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी यही मांग उठाई है।

काबुल स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन ने तालिबान सरकार से अफगानिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने को कहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा है कि अफगानिस्तान में देश में महिलाएं अधिकारों के मामले में बेहद खराब स्थिति में हैं। इस दिशा में सुधार लाने व देश में व्यापक शांति बहाल करने के सार्थक उपाय किये जाने चाहिए। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत रोजा ओटुनबायेवा ने कहा है कि अफगानिस्तान की महिलाओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत है। उनके लिए अच्छा वातावरण बनाने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है, ताकि उन्हें सभी प्रकार की हिंसा से मुक्त किया जा सके।

Updated : 25 Nov 2022 3:18 PM GMT
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