एफएटीएफ में पाकिस्तान को झटका, किसी देश का समर्थन नहीं
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पैरिस/वेब डेस्क। पहले से ही ग्रे सूची में होने का दंश झेल रहे पाकिस्तान को गहरा झटका लगा है। इन दिनों एफएटीएफ की बैठक पैरिस में हो रही है। इस बैठक में पाकिस्तान को किसी भी देश का समर्थन नहीं मिला है। पाकिस्तान पहले ही ग्रे सूची में है अब उसे डार्क ग्रे सूची में डाला जा सकता है। 18 अक्टूबर को एफएटीएफ पर पाकिस्तान का निर्णय आएगा।
पाकिस्तान पर आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में नाकाम और आतंकियों और उनके संगठनों के खिलाफ ठोस कदम न उठाने को लेकर कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान की मौजूदा हालत पर ये भी माना जा रहा है कि अंतिम फैसले में भी एफएटीएफ के सभी देश पाकिस्तान से किनारा कर सकते हैं, क्योंकि वह आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में बहुत अच्छा नहीं कर रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान को 'डार्क ग्रे लिस्ट' में डाला जा सकता है।
एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान एक डॉजियर सौंपने वाला है, जिसमें इस बात का जिक्र किया जाएगा कि इस्लामाबाद ने आतंकियों के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई की है। डॉजियर में आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दिए जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने लगभग हर सदस्य देश से संपर्क कर उसे ब्लैक लिस्ट में नहीं डालने के लिए समर्थन मांगा था। पाक को चीन, तुर्की और मलेशिया से मदद की उम्मीद थी। लेकिन इन तीनों देशों ने भी उसे समर्थन नहीं दिया।
जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था और 27 पॉइंट का ऐक्शन प्लान देते हुए एक साल का समय दिया गया था। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की टेरर फाइनैंसिंग को बैंकिंग व नॉन-बैंकिंग, कॉर्पोरेट और नॉन-कॉर्पोरेट सेक्टरों से रोकने के उपाय करने थे।
एफएटीएफ के नियमों के अनुसार, ग्रे और ब्लैक लिस्ट के बीच डार्क ग्रे की भी कैटिगरी होती है। 'डार्क ग्रे' का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके। अगर ऐसा होता है, तो यह पाकिस्तान के लिए कड़ी चेतावनी होगी कि वह एक अंतिम अवसर में खुद को सुधार ले, नहीं तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। (हि.स.)
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