पाकिस्तान ने आईएमएफ से मांगा अबतक का सबसे बड़ा कर्ज
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नई दिल्ली। हाल के आम चुनाव में पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की ऐतिहासिक जीत के बावजूद पड़ोसी देश पाकिस्तान के वित्तीय हालात बदहाल है। पाकिस्तान का विदेश मुद्रा भंडार तेजी से कम हो रहा है। पाकिस्तान का राजकोषीय घाटा तेजी से बढ़ रहा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि पाक सरकार के एक सलाहकार को अपनी ही सरकार को सलाह देनी पड़ी कि देश के वित्तीय हालात इतनी बुरी स्थिति में आ गए हैं कि हमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) से जल्द से जल्द 84 हजार करोड़ का कर्ज लेना ही होगा।
पाकिस्तान को साल 2013 में आईएमएफ से 37 हजार करोड़ का बेलआउट पैकेज मिला था। यदि इस बार आईएमएफ पाकिस्तान को कर्ज देेने को राजी हो जाता है, तो ये आईएमएफ से मिलने वाला अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा कर्ज होगा। दिल्ली स्थित थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (वीआईएफ) की पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति पर तैयार रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है।
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (वीआईएफ) की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व क्रिकेटर इमरान खान यदि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने में सफल होते हैं, तो उनके लिए देश के बदहाल वित्तीय हालात एक बड़ी चुनौती होंगे। इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) हाल के आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पाकिस्तान को साल 2018 में चीन से 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मिला है लेकिन पाकिस्तान की मुसीबत यही कम नहीं होती। पाकिस्तान की मुद्रा डॉलर के मुकाबले 20 फीसदी अवमूल्य हुई है। खुदरा तेल कीमतें आयातित कच्चे तेल की बराबर आ गई है। पाकिस्तान का निर्यात लगातार गिर रहा है।
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