लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों को 'वैश्विक आतंकी' घोषित करने पर भारत ने अमेरिका का आभार जताया
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नई दिल्ली। भारत सरकार ने यूएस अमेरिकी सरकार द्वारा पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को 'वैश्विक आतंकी' सूची में डालने पर धन्यवाद ज्ञापित किया है।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत अमेरिकी सरकार के विदेश एवं वित्त विभाग द्वारा की गई घोषणाओं का स्वागत करता है। इसमें तीन पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादियों और आतंकवादी फाइनेंसरों को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादियों (एसडीटीजी) के रूप में नामित किया गया है। अमेरिकी सरकार की ये घोषणा भारत के लगातार उस दावे की पुष्टि करती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नामित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसके छद्म संगठन, फलाह-ए-इंसानियायत फाउंडेशन (एफआईएफ) पाकिस्तान में वित्तीय संसा संचालन जारी रखते हैं। ये संगठन भारत और दक्षिण एशिया में सीमा पार आतंकवाद अंजाम देते हैं। अमेरिकी सरकार का ये कदम आतंकवादी तत्वों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में पाकिस्तान की ईमानदारी पर सवाल उठाते हैं।
अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी रहमान-अल-दाखिल को आतंकियों के लिए बनी विशेष सूची में डाल दिया है। उल्लेखनीय है कि रहमान-अल-दाखिल भारत के खिलाफ 1997 से लेकर 2001 के बीच हुए हमले का नेतृत्व किया था। अमेरिका के इस कदम से रहमान-अल-दाखिल से जुड़ी अमेरिका में मौजूद संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही अब अमेरिका का कोई भी नागरिक रहमान-अल-दाखिल से कोई भी व्यवसायिक रिश्ता नहीं रख पाएगा।
उल्लेखनीय है कि रहमान-अल-दाखिल को यूनाइटेड किंगडम द्वारा 2004 इराक में पकड़ा गया था। उसे अमेरिका ने भी अपनी हिरासत में इराक व अफगानिस्तान में रखा। फिर उसे 2014 में पाकिस्तान को सुपुर्द कर दिया गया था। पाकिस्तानी जेल से रिहा होने के बाद वह फिर से लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया। 2016 के दौरान उसे जम्मू-कश्मीर के लिए लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर बना दिया गया। हाल तक वह लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था।
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