भारत विरोधी अजेंडे में जुटी नेपाल की केपी ओली सरकार को ड्रैगन ने दिया ऐसा झटका
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काठमांडू। चीन के इशारे पर भारत विरोधी अजेंडे में जुटी नेपाल की केपी ओली सरकार को ड्रैगन ने ऐसा झटका दिया है कि वह कुछ बोल नहीं पा रही है। दूसरी तरफ जनता का आक्रोश अब फूट पड़ा है। नेपाल के हुमला में चीनी कब्जे और इमारतों के निर्माण की पुष्टि होने के बाद काठमांडू में लोग सड़कों पर उतर आए और चीन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। हाथों में तख्तियां लिए लोगों ने बालूवाटर स्थित चीनी दूतावास के बाहर नारेबाजी की।
नेपाली न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, आक्रोशित लोग 'सीमा अतिक्रमण रोका', अतिक्रमण की हुई नेपाली जमीन लौटाओ, नेपाल-चीन बॉर्डर का नाका खोलो, चीनी साम्राज्यवाद मुर्दाबाद जैसे नारे लगा रहे हैं। युवाओं की तख्तियों और बैनरों पर भी इस तरह के नारे लिखे हैं। इस बीच चीनी दूतावास के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर भी प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो साझा किए जा रहे हैं और इसके साथ ही लोग चीनी अतिक्रमण के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
हाल ही में नेपाली मीडिया में खबर आई कि चीन ने हुम्ला जिले में नेपाली जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। चीन ने यहां बॉर्डर पिलर को हटाकर 11 इमारतों का निर्माण कर लिया है। इसके तुरंत बाद, हुमला के मुख्य जिला अधिकारी चिरंजीवी गिरि के नेतृत्व में एक दल सीमा पर एक वास्तविक साइट का अध्ययन करने भेजा गया। साइट पर एक अध्ययन करने के बाद टीम ने केंद्र को एक रिपोर्ट भेजी है। लेकिन नेपाल सरकार ने अभी तक सीमा के संबंध में कोई प्रक्रिया नहीं दी है।
इस बीच नेपाल में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग जियालोंग ने दावा किया गया कि चीन-नेपाल सीमा क्षेत्र में इमारत चीनी मिट्टी पर बनी है। उन्होंने कहा, "नेपाली पक्ष फिर से सत्यापित कर सकता है, चीन और नेपाल करीबी पड़ोसी हैं। चीन ने हमेशा नेपाल की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया है।
"Go back China". Protests break out infront of Chinese embassy in Kathmandu over Chinese 🇨🇳 illegal occupation of Nepalese Territory. Finally, Nepal's citizens are waking up to what Oli is doing to their country. pic.twitter.com/RSL1yMaEWD
— 🇮🇳✈Sharp Shooter✈🇮🇳 (@activator_n) September 23, 2020
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इससे पहले भी कुछ अन्य जगहों पर नेपाली धरती पर चीन की ओर से कब्जे की खबरें आईं तो ओली सरकार ने आंखें मूंद लीं। दूसरी तरफ नेपाल की सरकार ने लगातार भारत के खिलाफ मोर्चा खोले रखा। चीन के ही इशारे पर नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने भारतीय इलाकों को अपने नक्शे में शामिल कर लिया।
Swadesh Digital
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