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शिक्षा के क्षेत्र में हुए बदलावों पर की जाएगी बात

शिक्षा के क्षेत्र में हुए बदलावों पर की जाएगी बात
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शिकागो। विश्व हिंदू कांग्रेस में अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया भर में शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों को अपनाने और इन्हें भारत में आर्थिक विकास के साथ जोड़कर देखे जाने पर जोर दिया जाएगा। भारत के प्राचीन इतिहास, समाज विज्ञान, मानव विज्ञान, कला और संस्कृति के क्षेत्र में पश्चिमी इतिहासकारों की ओर से विकृत किए जाने के प्रयासों पर तर्कसम्मत चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही भारत की ज्ञान परम्परा, धर्म के क्षेत्र में शिक्षण संस्थाओं की भूमिका को रेखांकित किया जाएगा और दुनियाभर में बसे भारतीय मूल के लोगों को एक सुदृढ़ नेटवर्क के जरिये जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत के अभिभाषण के साथ सात सितम्बर को तीन दिवसीय कांग्रेस की शुरुआत होगी, जबकि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू 9 सितम्बर को समापन समारोह को संबोधित करेंगे।

हिंदू एजुकेशन बोर्ड के प्रवक्ता नचिकेता तिवारी ने बुधवार को यहां विशेष बातचीत में बताया कि इस तीन दिवसीय कांग्रेस के शिक्षा सम्मेलन में कुल मिलाकर छह सत्र होंगे। इनमें प्रत्येक सत्र में भारत सहित अमेरिका, कनाडा के विद्वान इतिहासकार, शोध शास्त्री और उपकुलपति और धर्माचार्य आदि मौजूदा विसंगतियों पर तर्क सम्मत प्रमाण सहित विचार प्रस्तुत करेंगे। इन सत्रों की प्रस्तुति हिंदू एजुकेशन बोर्ड करेगा। सम्मेलन के चेयरमैन अभय अस्थाना ने बताया कि वेस्टिन होटल में आयोजित इस कांग्रेस में एक साथ सात सम्मेलन -आर्थिक, शिक्षा, महिला, युवा, राजनीतिक, मंदिर संगठनों आदि पर होंगे।

दुनिया में आर्थिक विकास के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव आए हैं। ये बदलाव चाहे साइंस और तकनीकी क्षेत्र में हों अथवा मेडिकल या आर्थिक क्षेत्र में। बोर्ड ने इस संदर्भ में भारत में समाज के विभिन्न वर्गों को उन्हीं की भाषा में आर्थिक पहुंच के भीतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सौ पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की थी। यह रिपोर्ट डेढ़ साल पहले मोदी सरकार को दे दी गई थी। लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस सत्र में वेलौर इंस्टिट्यूट के उपकुलपति डॉ जी विश्वनाथ और पुणे स्थित एमआईटी के राहुल कराड मुख्य वक्ता होंगे।

नचिकेता ने बताया कि भारत में इतिहास, समाज शास्त्र और मानव विज्ञान पर पश्चिमी स्कॉलर ने स्वार्थवश छेड़छाड़ कर अनेक विषयों में अर्थ का अनर्थ करने की कोशिश की है। इस पर इन्फिनिटी फाउंडेशन के राजीव मल्होत्रा, कनाडा से प्रो अरविंद शर्मा तथा डेविड फ़्राली जो अब वाम देव शास्त्री नाम से विख्यात हैं, अपने उद्गार व्यक्त करेंगे। भारतीय ज्ञान परम्परा का एक समृद्ध इतिहास रहा है। इसे सर्वकालीन महान बनाए जाने और जन-जन तक पहुंचाए जाने के बारे स्वामिनी प्रेमानंद विचार देंगी। इसी तरह इतिहास, कला और समाज विज्ञान के क्षेत्र में मूल्य आधारित शिक्षा को अंतर्निहित किए जाने पर भी विचार होगा, जबकि विदेशों से हिंदू धर्म की पढ़ाई कर भारत में ज्ञान बघारने वालों और ऐसी शिक्षण संस्थाओं की भूमिका पर विचार किया जाएगा।

इन सत्रों में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी को दस करोड़ डॉलर देने वाली भारतीय मूल की स्कॉलर सुश्री चन्द्रिका टंडन, चिन्मया मिशन से स्वामी मित्रानंद, पद्मश्री डाक्टर सुधीर सहित भारतीय इतिहास शोध परिषद के प्रो शारदेन्दु मुखर्जी वक्तव्य देंगे।

Updated : 5 Sep 2018 11:48 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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