अश्लील वीडियो देखने को लेकर एक नई रिपोर्ट
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लॉस एंजेल्स। चौदह वर्ष से कम उम्र के 50 प्रतिशत बच्चे अश्लील चित्र अथवा वीडियो देखते हैं। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि इन दिनों निःशुल्क आनलाइन अश्लील वीडियो में 88 प्रतिशत वीडियो में मारपीट, हिंसा और यौनाचार की घटनाएं भारी होती हैं। ऐसी स्थिति में ऐसे बच्चों के माता पिता अथवा अभिभावकों से एक सीधा और सपाट सवाल पूछा गया है कि क्या उन्हें ख़ुद अथवा किसी विशेषज्ञ की मदद लेते हुए अपने बच्चों को सेक्स एजुकेशन देनी चाहिए?
एक दैनिक अखबार में न्यूजीलैंड से एक पत्रकार ने इस संबंध में सर्वे के आधार पर कहा कि ऐसे बच्चों के माता-पिता स्थिति से पूरी तरह अवगत होते हुए भी अपने बच्चों से इस तरह के मामलों में सवाल-जवाब करना तो दूर सेक्स एजुकेशन देने से भी परहेज करेंगे। वेरिटी जानसन का कहना है कि माता पिता भले ही सेक्स के प्रति जागरूक हों, वे इस तरह के मामलों में पूरी तरह तैयार नहीं होते। इसके बावजूद उनकी कोशिश होनी चाहिए कि वे इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप करें और ज़रूरत पड़ने पर सेक्स एजुकेशन विशेषज्ञ से भी सलाह मशवरा करें। सर्वे में कहा गया है कि इस इंडस्ट्री में कुशल विशेषज्ञों की कमी नहीं है। इस क्षेत्र में विशेषज्ञ ही नहीं, बेहतर प्रशिक्षक और समाज विज्ञान के प्रशिक्षक भी हैं।
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