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डॉलर के मुकाबले रुपया 63 पैसे की बढ़त के साथ बंद

डॉलर के मुकाबले रुपया 63 पैसे की बढ़त के साथ बंद
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नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजारों के सकारात्मक रुख तथा अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी के बीच बृहस्पतिवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 63 पैसे की बढ़त के साथ 73.13 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। शुरुआती कारोबार में रुपया 22 पैसे की बढ़त के साथ 73.54 प्रति डॉलर पर पहुंच गया था। बुधवार को रुपया 73.76 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर का रुख दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत के नुकसान से 93.70 पर आ गया।

कच्चा तेल की कीमतों में रुपये की मजबूती से राहत मिलेगी, क्योंकि यह आयात किया जाता है। कच्चे तेल का आयात बिल में कमी आएगी और विदेशी मुद्रा कम खर्च करना होगा। वहीं रुपये की मजबूती से भारत में सस्ते कैपिटल गुड्स मिलेंगे। रुपये मजबूत हो तो इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को भी लाभ हासिल होगा, क्योंकि सस्ते इलेक्ट्रॉनिक गु्ड्स आयात किए जा सकेंगे। रुपये की मजबूती का सकारात्मक असर जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर पर दिखाई देगा। इससे यह सस्ता होगा और आयात पर भी इसका असर आएगा।

उर्वरक की कीमत घटेगी: भारत बड़ी मात्रा में जरूरी उर्वरकों और रसायन का आयत करता है। रुपये की मजबूती से यह भी सस्ता होगा। आयात करने वालों को यह कम दाम में ज्यादा मिलेगा। इससे इस क्षेत्र को सीधा फायदा होगा। साथ ही किसानों को भी लाभ होगा,उनकी लागत घटेगी, जिससे आय बढ़ेगी।

रुपये की मजबूती से आईटी सेक्टर पर प्रतिकूल असर आएगा। कंपनियों को मिलने वाले काम पर आय कम होगी जिससे उनको नुकसान होगा। वहीं दवा का निर्यात भी घटेगा। हालांकि, भारत बड़ी मात्रा में दवा और उसका कच्चा माल आायत करता है जिसमें उसे थोड़ी राहत मिलगी। रुपया मजबूत होने से विदेशी में पढ़ाई करना महंगा हो जाएगा। साथ ही विदेश यात्रा भी महंगी हो जाएगी। रुपया मजबूत होता है तो टेक्सटाइल सेक्टर को निर्यात में काफी नुकसान होता है। टेक्सटाइल निर्यात में भारत वैश्विक रैकिंग में फिलहाल दूसरे स्थान पर मौजूद है। यदि रुपया मजबूत हुआ तो इस सेक्टर को भी काफी नुकसान होगा।

Updated : 1 Oct 2020 10:13 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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