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जानें, पीपीएफ नियमों में हुए नए बदलावों को

जानें, पीपीएफ नियमों में हुए नए बदलावों को
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नई दिल्ली। छोटी बचत के मामले में सार्वजनिक भविष्य निधि सबसे अधिक फायदेमंद है। इसमें ऊंचे ब्याज और टैक्स छूट का फायदा पहले से मिल रहा था। हाल ही में सरकार ने पीपीएफ के नियमों में कई तरह के बदलाव किए हैं। इसमें पहले के मुकाबले सस्ते कर्ज सहित कई फायदे जुड़ गए हैं

-नए नियमों के मुताबिक पीपीएफ के बदले कर्ज पर ब्याज पीपीएफ के ब्याज से सिर्फ एक फीसदी ऊंचा होगा जो अभी दो फीसदी है। उदाहरण के लिए यदि पीपीएफ पर ब्याज दर अभी 7.90 फीसदी है तो अब उसके बदले कर्ज 8.90 फीसदी ब्याज पर मिलेगा जबकि पहले यह 9.90 फीसदी ब्याज पर मिल रहा था। पीपीएफ पर सबसे आसानी से कर्ज मिलता है और इसके लिए किसी गारंटी की जरूरत नहीं होती है। साथ ही अन्य सभी तरह के कर्ज के मुकाबले यह सस्ता भी होता है।

-सरकार ने पीपीएफ से समय पूर्व निकासी के नियमों में भी बदलाव किया है। इसके मुताबिक पीपीएफ से पांच साल बाद ही समय पूर्व निकासी (प्रीम्योच्योर) कर सकेंगे। सरकार ने इसमें यह स्पष्ट कर दिया है कि अवधि की गणना वित्तीय वर्ष के आधार की जाएगी। इसके मुताबिक जिस वित्तीय वर्ष में पीपीएफ खाता शुरू हुआ है उसमें पांच वित्तीय वर्ष के बाद निकासी संभव होगी। इसके पहले पीपीएफ खाते से सातवें साल ही राशि निकालने की अनुमति थी।

-पीपीएफ खाते को आकर्षक और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने समय पूर्व निकासी के नियमों में कुछ अन्य बदलाव भी किए हैं। पहले खाताधारक को अपनी शिक्षा के लिए पीपीएफ से समय पूर्व राशि निकालने की अनुमति थी लेकिन अब पति-पत्नी या संतान की शिक्षा के लिए भी इसकी अनुमति दे दी गई है। पहले स्वयं पीपीएफ खाताधारक, या पति- पत्नी, संतान या आश्रित माता-पिता को गंभीर बीमारी हो जाने की स्थिति में भी पीपीएफ से समय पूर्व राशि निकालने की अनुमति थी जबकि सरकार ने इसमें आवासीय बदलाव की वजह को भी अनुमति दे दी है।

-पीपीएफ खाते की राशि खाताधारक, नॉमिनी या उसके कानूनी उत्तराधिकारी को हर हाल में मिलेगी। नए नियमों में स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि खाताधारक ने नॉमिनी बनाया है तो उसकी मृत्यु के बाद नॉमिनी को राशि मिलेगी। यदि किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है तो राशि उसके कानूनी उत्तराधिकारी को मिलेगी। इसके पहले खाताधारक की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी नहीं रहने पर पीपीएफ खाते की राशि को बिना दावे वाले सरकारी खाते में जमा कर दिया जाता था। अब ऐसा नहीं हो सकेगा। पीपीएफ में पहले इसमें संयुक्त खाता खोलने की भी अनुमति थी लेकिन अब सिर्फ एक खाता खोल सकेंगे।

-सरकार ने छोटी बचत के साधन पीपीएफ को सुरक्षित बनाने के लिए एक और बड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के तहत खाताधारक के डिफॉल्टर होने पर उसके पीपीएफ खाते की राशि को किसी भी स्थिति में जब्त या कुर्क नहीं किया जा सकेगा। इसके पहले बैंक या जांच एजेंसियां खाताधारक के डिफॉल्टर होने पर पीपीएफ खाते में जमा राशि को भी जब्त कर लेती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

-पीपीएफ नियमों में एक बदलाव उसमें जमा करने की संख्या को लेकर भी है। अब एक साल में कई बार पीपीएफ खाते में राशि जमा कर सकेंगे जबकि पहले इसके लिए अधिकतम 12 बार की सीमा थी। हालांकि, पांच रुपये के अनुपात की बजाय अब 50 रुपये के अनुपात में जमा करने की सुविधा दी गई है। आप पीपीएफ में सिर्फ 500 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। बैंक और डाकघर दोनों पीपीएफ खाता खोलते हैं।

आप 100 रुपये में पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि खाते में न्यूनतम राशि से कम होने पर बैंक और डाकघर शुल्क भी वसलूते हैं। तय राशि से कम रहने पर 50 रुपये सालाना शुल्क और उस साल का बकाया जमा करना पड़ता है। नौकरी करने वाले या स्वरोजगार करने वाले या कोई भी आम नागरिक पीपीएफ की सुविधा ले सकता है।

Updated : 22 Dec 2019 7:01 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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