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कोरोना लहर का असर : रोजगार मिलने की दर में 15 फीसदी की गिरावट आई

कोरोना लहर का असर : रोजगार मिलने की दर में 15 फीसदी की गिरावट आई
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नईदिल्ली। कोरोना संक्रमण के कारण देश में रोजगार पर काफी बुरा असर पड़ा है। अप्रैल के महीने में जहां बेरोजगारी दर 4 महीने के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है, वहीं नए रोजगार मिलने की दर में भी करीब 15 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना के संक्रमण के कारण हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल सेक्टर की नौकरियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।

नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल के महीने में हॉस्पिटैलिटी एवं ट्रैवल सेक्टर में नई नौकरियों के मामले में 36 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। रिटेल सेक्टर में 33 फीसदी कम लोगों को नौकरियां मिलीं। बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में अप्रैल महीने के दौरान तुलनात्मक तौर पर 26 फीसदी कम नौकरियां मिलीं। टीचिंग और एजुकेशन सेक्टर में 24 फीसदी नौकरियों की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह टेलीकॉम और एफएमसीजी सेक्टर की नौकरियों में अप्रैल महीने के दौरान 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

दूसरी लहर का असर -

जानकारों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर नई नौकरियों पर असर डाल रही है। इसी की वजह से अप्रैल के महीने में ओवरऑल 15 फीसदी कम लोगों को रोजगार दिया जा सका। हालांकि अभी पिछले साल यानी अप्रैल 2020 की तरह स्थिति खराब नहीं हुई है। अप्रैल 2020 में पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लागू था, जबकि अभी कुछ राज्यों ने ही सख्त पाबंदियां लागू की हैं। हालांकि पूरे देश की इकोनॉमी ओपन है और एक स्थान से दूसरे स्थान की कनेक्टिविटी भी बनी हुई है। यही कारण है रोजगार के क्षेत्र में हालात पिछले साल की तरह बिगड़े नहीं हैं।

आईटी सेक्टर में 12 फीसदी की गिरावट -

गौरतलब है कि नौकरी जॉबस्पीक मासिक इंडेक्स है, जो मंथली जॉब लिस्टिंग की गणना के आधार पर रोजगार से संबंधित आंकड़ों की जानकारियां उपलब्ध कराता है। नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि नई नौकरियां मिलने के मामले में इंश्योरेंस सेक्टर में अप्रैल के महीने में 5 फीसदी की गिरावट रही है, इसके अलावा बायोटेक सेक्टर में 9 फीसदी, मेडिकल हेल्थ केयर सेक्टर में 10 फीसदी और आईटी सेक्टर में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

अप्रैल में 25 फीसदी कम -

रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि नौकरी मिलने के मामले में मेट्रो और नॉन मेट्रो सभी शहरों में गिरावट दर्ज की गई है। सबसे बड़ी गिरावट जयपुर में दर्ज की गई है, जहां अप्रैल महीने के दौरान तुलनात्मक तौर पर 25 फीसदी कम नौकरियां मिलीं। चंडीगढ़ में नौकरियों के मामले में 23 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह मुंबई में 20 फीसदी, अहमदाबाद में 12 फीसदी, दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु और चेन्नई में 10-10 फीसदी, कोचीन में 5 फीसदी और हैदराबाद में 4 फीसदी नौकरियों की अप्रैल के महीने में गिरावट दर्ज की गई है।‌ जानकारों का कहना है कि अगर जल्द ही कोरोना की लहर पर काबू नहीं पाया जा सका तो रोजगार का क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित होगा। इसकी वजह से नई नौकरियां मिलने के मामले तो कम होंगे ही, रोजगारशुदा लोगों के बेरोजगार होने की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी। इसकी वजह से बेरोजगारी दर में काफी तेज इजाफा हो सकता है।

Updated : 12 Oct 2021 10:43 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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