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आईएमएफ ने आर्थिक सुस्ती पर जताई चिंता, कहा - मंदी से हर कोई परेशान

आईएमएफ ने आर्थिक सुस्ती पर जताई चिंता, कहा - मंदी से हर कोई परेशान
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वॉशिंगटन। भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय संक्रमण काल से गुजर रही है। मंदी से हर कोई परेशान है। उद्योग-धंधों में सुस्ती है। बेरोजगारों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। हालांकि मोदी सरकार इन समस्याओं से पार पाने के लिए काफी प्रयास कर रही है, लेकिन हकीकत ज्यादा बदल नहीं पाई है। विरोधी दल भी लगातार यह मुद्दा उठा रहे हैं। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी इस पर चिंता जताई है।

आईएमएफ ने भारत को जल्द से जल्द बड़े कदम उठाने की सलाह दी है। आईएमएफ का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ग्लोबल इकोनोमिक ग्रोथ बढ़ाने वाली इकोनोमिक्स में से एक है, इसीलिए उसे तेजी से कदम उठाने होंगे। खपत और निवेश में गिरावट, टैक्स राजस्व में कमी से भारत की आर्थिक वृद्धि को झटका लगा है।

आईएमएफ के एशिया और प्रशांत प्रमुख रानिल सालगाडो ने कहा कि लाखों लोगों को गरीबी से निकालने के बाद भारत फिलहाल आर्थिक सुस्ती के बीच है। मौजूदा मंदी दूर करने और फिर से आर्थिक वृद्धि के ट्रैक पर लौटने के लिए भारत को तुरंत नीतिगत उपायों की जरूरत है। सरकार के पास हालांकि विकास पर खर्च के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए सीमित विकल्प हैं।

आईएमएफ की चीफ इकोनोमिस्ट गीता गोपीनाथ ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 की दिसंबर और मार्च तिमाही में भी आर्थिक वृद्धि कमजोर बनी रहेगी। कुछ मुश्किलें आसानी से दूर नहीं हो सकती हैं। इनमें बैंकिंग सेक्टर की समस्याएं हैं जो सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनियाभर की हैं। भारत में कुछ मसले ऐसे हैं जिन्हें इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड से सही किया जा सकता है। बैंकों की रिस्क लेने की क्षमता घटी हैं और इसका असर क्रेडिट ग्रोथ पर भी दिख रहा है। ग्रामीण इलाकों में आमदनी और पैदावार घटने की वजह से उपभोग भी घटा है।

Updated : 24 Dec 2019 7:43 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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