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ट्रेन और स्टेशन पर 'नो बिल, नो पेमेंट' : पीयूष गोयल

ट्रेन और स्टेशन पर नो बिल, नो पेमेंट : पीयूष गोयल
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नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने एक कठोर नीति अपनाई है, जो 'नो बिल, नो पेमेंट' आदर्श वाक्य के साथ काम करती है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को नीति के बारे में ट्वीट किया और बताया कि ग्राहकों को ट्रेनों या स्टेशनों पर खरीदी गई वस्तुओं के लिए भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, यदि उन्हें इसका बिल नहीं मिलता है।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, विक्रेताओं के लिए ग्राहकों को बिलों का भुगतान करना अनिवार्य कर दिया गया है क्योंकि भारतीय रेलवे ने 'नो बिल, नो पेमेंट' की नीति अपनाई है। यदि कोई विक्रेता आपको ट्रेन या रेलवे प्लेटफॉर्म पर बिल देने से मना करता है, तो आपको उसे पैसे देने की आवश्यकता नहीं है।'

गोयल ने अपने ट्वीट संदेश के साथ सवा मिनट का एक वीडियो भी साझा किया है। इसमें स्टेशन परिसर में एक स्टॉल पर उपभोक्ताओं को सामान की खरीददारी करते दिखाया गया है। हालांकि जब उनसे यह सवाल किया जाता है कि क्या आपने बिल लिया, तो इस पर सभी उपभोक्ताओं का एक ही जवाब होता है, नहीं। इस पर उन्हें बताया जाता है कि यदि बिल नहीं मिला तो सब फ्री है। अब ट्रेनों या प्लेटफार्म पर खानपान की कोई भी वस्तु खरीदते समय संबंधित विक्रेता से बिल की मांग अवश्य करें। याद रखिए यदि विक्रेता बिल देने से मना करता है तो आपके द्वारा खरीदी गई सामग्री निशुल्क पाने के आप हकदार हैं।

पारदर्शिता बढ़ाने और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए यह रेलवे का एक स्वागत योग्य कदम है। यह यात्रियों को उचित बिलिंग के साथ वस्तुओं को खरीदने की अनुमति देगा, जो स्टेशनों या ट्रेनों पर विक्रेताओं द्वारा कर भुगतान में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।

इस कदम से ट्रेनों और स्टेशनों में ओवरप्रिंटिंग की समस्या भी खत्म हो जाएगी, जहां विक्रेता ग्राहकों से अधिक कीमत वसूलते हैं। अनिवार्य बिल का नियम लागू होने से कोई भी विक्रेता भारतीय रेलवे प्लेटफार्मों और ट्रेनों पर नकली सामान नहीं बेच पाएगा।

Updated : 18 July 2019 4:40 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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