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नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेंगी राज्य सरकारें

-एनडीडीटीसी ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को सौंपी राष्ट्रीय सर्वेक्षण रिपोर्ट

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेंगी राज्य सरकारें
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नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एआईआईएमएस) के 'नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर(एनडीडीटीसी)' ने सोमवार को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को 'भारत में अत्याधिक उपयोग होने वाले मादक पदार्थ' पर किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की। यह सर्वेक्षण मंत्रालय द्वारा प्रयोजित किया गया था।

इस अवसर पर थावरचंद गहलोत ने कहा कि राज्य सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों तथा नशामुक्ति केंद्रों सहित अन्य सभी हितधारकों से सलाह ली जाएगी कि वे नशाखोरी के खतरे का मुकाबला करने के लिए दिशा-निर्देश और कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर किया गया यह सर्वेक्षण अपनी तरह का पहला मामला है जिसे आज आधिकारिक रूप से जारी किया गया।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग की सीमा, पैटर्न और प्रवृत्ति पर अंतिम राष्ट्रीय सर्वेक्षण सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रयोजित किया गया था और साल 2000-2001 में ड्रग्स व अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा सर्वेक्षण का संचालन किया गया था। इसकी रिपोर्ट 2004 में प्रकाशित हुई थी। हालांकि, सर्वेक्षण ने राज्य स्तर का कोई अनुमान नहीं दिया था।

समाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित यह सर्वे दो भागों में विभाजित किया गया था। पहला हाउस होल्ड सर्वे एवं दूसरा रिस्पॉन्डेन्ट ड्राइवन सर्वे है।

हाउस होल्ड सर्वे (एचएचएस)

इस सर्वे के अन्तर्गत सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि से बातचीत कर 10 से 75 साल के लोगों पर सर्वे किया गया। यह सर्वे में सामान्य और कानूनी रूप से वैध मादक पदार्थों पर के इस्तेमाल करने वालों पर आधारित था। इस सर्वे के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्तर पर, 186 जिलों में कुल 200,111 घरों का दौरा किया गया, जिसमें 473,569 व्यक्तियों का साक्षात्कार लिया गया।

रिस्पांडेन्ट ड्राइवन सर्वे (आरडीएस)

इस सर्वे के अन्तर्गत गैर-कानूनी ड्रग्स पर निर्भरता से पीड़ित लोगों पर 123 जिलों में सर्वे किया गया। इस सर्वेक्षण में एक प्रश्नावली के माध्यम से लोगों से प्रश्न किया गया। इस सर्वे का उद्देश्य अवैध दवा पर निर्भरता की व्यापकता का अनुमान लगाना था।

उल्लेखनीय है कि मंत्रालय द्वारा प्रयोजित यह राष्ट्रीय सर्वेक्षण राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ राज्य स्तर पर भा डेटा प्रदान करता है। यह सर्वेक्षण 'नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर(एनडीडीटीसी)' की टीम ने डॉ अतुल अम्बेकर के नेतृत्व में किया है।

Updated : 18 Feb 2019 12:07 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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