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सज्जन की जमानत अर्जी पर अगस्त में होगी सुनवाई, तब तक जेल में ही रहना पड़ेगा
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नई दिल्ली। 1984 सिख विरोधी दंगों के आरोपित पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को अभें ही रहना होगा। आज कोर्ट ने कहा कि सज्जन कुमार की जमानत अर्जी पर अब अगस्त में सुनवाई होगी।
सज्जन कुमार की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया है। सीबीआई ने कहा है कि सज्जन कुमार के खिलाफ अपराध साबित हो चुका है। सज्जन कुमार के खिलाफ दूसरे मामलों की सुनवाई जारी है। इसके पहले वे सीबीआई के काम में अड़चन डाल चुके हैं। उसके बाद कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ चल रहे दूसरे मुकदमों का ब्योरा मांगा।
15 मार्च को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अगर सज्जन कुमार को जमानत दी गई तो उनके खिलाफ दूसरे लंबित मामलों के गवाहों को धमका सकते हैं या प्रभावित कर सकते हैं। सज्जन कुमार राजनीतिक वर्चस्व वाला व्यक्ति है और वो पीड़ितों को निष्पक्ष और त्वरित न्याय में बाधाएं खड़ी कर सकता है। पिछले 14 जनवरी को सज्जन कुमार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था।
दिल्ली हाईकोर्ट सज्जन कुमार और पांच अन्य लोगों को दोषी ठहरा चुका है। सज्जन कुमार ने 31 दिसंबर, 2018 को कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने सज्जन कुमार को मंडोली जेल भेज दिया था।
पिछले 17 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा मुकर्रर की थी। कोर्ट ने सज्जन कुमार को पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हाईकोर्ट ने पूर्व नेवी अधिकारी भागमल के अलावा, कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, गिरधारी लाल और दो अन्य को ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को बरकरार रखा था।