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सबरीमाला के खुले कपाट, श्रद्धालुओं और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष, आसपास तनाव की स्थिति

सबरीमाला के खुले कपाट, श्रद्धालुओं और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष, आसपास तनाव की स्थिति
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। केरल स्थित भगवान अय्यप्पा के प्राचीन मंदिर सबरीमाला के कपाट बुधवार शाम श्रद्धालुओं के पूजन के लिए के खोल दिए गए। मंदिर के आस-पास और वहां तक पहुंचने वाले मार्गों पर पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती रही । अय्यप्पा भक्तों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी रही।

पहाड़ियों में स्थित सबरीमाला मंदिर तक पहुंचने के लिए पांच किमी दूर स्थित पंपा आधार केन्द्र पर बड़ी संख्या में अय्यप्पा भक्त सवेरे से ही मौजूद थे तथा वह मंदिर की परंपरा के अनुरूप 10 से 50 वर्ष आयु की महिलाओं को मंदिर में जाने से रोक रहे थे। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज किया। भीड़ ने पुलिस बल और मीडिया कर्मियों के वाहनों पर पथराव किया। विभिन्न टेलीविजन चैनलों के पत्रकारों, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, के साथ दुर्व्यवहार किया गया।

क्षेत्र में तनाव को देखते हुए सबरीमाला मंदिर की 30 किमी परिधि में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है। सबरीमाला मंदिर को पुजारी परिवार के राहुल ईश्वर और कुछ अन्य सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है। मंदिर के कपाट देर रात 10 बजे तक खुले रहेंगे। प्रतिदिन दक्षिण भारत के लोगों की आस्था के इस बड़े केन्द्र के कपाट 22 अक्टूबर तक खुले रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने गत 28 सितम्बर को चार-एक के बहुमत के फैसले से सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की अनुमति नही दिए जाने की परंपरा को अवैध घोषित कर दिया था। इसके बाद महिलाओं ने सबरीमाला में जाकर दर्शन पूजन का एेलान किया था। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद आज पहली बार मंदिर के कपाट खुले थे । अय्यप्पा भक्तों ने न्यायालय के फैसले की तीखी आलोचना करते हुए घोषणा की थी कि वह शांतिपूर्ण और अहिंसक ढंग से महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोकेंगे। न्यायालय के फैसला आने के बाद से ही केरल और निकटवर्ती राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक में ही नहीं बल्कि राजधानी दिल्ली में भी अय्यप्पा भक्तों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। विदेशों में भी 'सबरीमाला बचाओ' मुहिम चलाई गई थी।

इस पूरे विवाद के बीच केरल की वाममोर्चा सरकार ने कहा था कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करेगी। मंदिर जाने वाली महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। विवाद के बीच मुख्यमंत्री पी. विजयन अपने पूर्व निधारित कार्यक्रम के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात की चार दिन की यात्रा पर रवाना हो गए। सत्तारूढ़ माकपा ने आरोप लगाया कि पंपा और मिल्लकल में आज महिलाओं और मीडिया कर्मियों पर हुए हमले के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिन्दुवादी संगठन जिम्मेदार हैं। भाजपा ने राज्य सरकार पर अय्यप्पा भक्तों की भावनाओं को नजर अंदाज करने तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल होने का आरोप लगाया।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने पंपा और मिल्लकल में महिला मीडिया कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार की घटना का संज्ञान लेते हुए केरल के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए कि वह मीडियाकर्मियों को सुरक्षा प्रदान करें। इस बीच अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और कुछ अन्य हिन्दूवादी नेताओं ने कल केरल बंद का आह्वान किया है।

Updated : 18 Oct 2018 7:26 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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