Home > देश > रोपवे और केबल कारें भारतीय परिवहन का भविष्य

रोपवे और केबल कारें भारतीय परिवहन का भविष्य

रोपवे और केबल कारें भारतीय परिवहन का भविष्य
X

नई दिल्ली। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि रोपवे, केबल कार, फनीकुलर रेलवे (बिजली के तारों पर चलने वाली रेल) पर्वतीय और कठिनाई वाले क्षेत्रों के लिए तथा भीड़भाड़ वाले शहरों में अंतिम संपर्क विकल्प के रुप में परिवहन के उपयोगी साधन हो सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह बात सोमवार को यहां रोपवे परियोजना के लिए सम्पूर्ण समाधान मुहैया करने के लिए इंजिनियरिग कंसलटेंसी संगठन वैपकोस तथा डॉपेलमेर के बीच समझौता हस्ताक्षर के मौके पर कही। उन्होंने शहरों में भीड़भाड़ में कमी लाने तथा प्रदूषण में कटौती की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रदूषण मुक्त तथा लागत प्रभावी परिवहन नवाचारों को प्रोत्साहित करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि टू टीयर शहरों के लिए भी यह परिवहन विकल्प उपयोगी होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह परिवहन विकल्प लोगों को निजी से सार्वजनिक परिवहन की ओर जाने के लिए प्रेरित करेंगे।

समझौता ज्ञापन में संभावना अध्ययन तैयारी, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, निर्माण, उपकरण सप्लाई, संचालन तथा रखरखाव के सभी पहलू शामिल हैं। इस समझौता ज्ञापन से विभिन्न राज्यों में यात्री सुरक्षा और विश्वसनीयता के वैश्विक रूप से स्वीकृत मानकों वाली रोपवे परियोजनाओं के विकास में सहायता मिलेगी। यह परियोजनाएं न केवल यातायात, भीड़भाड़ और प्रदूषण को कम करेंगी बल्कि पर्यटन स्थलों के विकास में भी योगदान देंगी और रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।

गडकरी ने कहा कि सरकार हाई ब्रीड एक्रोबोट जैसे वाहनों के उपयोग की संभावना तलाश रही है| हाई ब्रीड एक्रोबोट में जमीन, जल और वायु टेक्नोलॉजी है और जमीन, जल और आसमान में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिक गति से चल सकती है। उन्होंने बताया कि परिवहन के लिए गंगा सहित 10 राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वाराणसी से बांग्लादेश तथा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में जल मार्ग से समान भेजे जा सकते हैं।

गडकरी ने परिवहन क्षेत्र में वैकल्पिक ईंधनों के इस्तेमाल पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मेथनॉल, इथनॉल, बिजली स्रोतों से देश तेल आयात में बड़ी बचत कर सकता है।

Updated : 6 Nov 2018 7:34 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top