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रविशंकर बोले - जजों के बीच के मतभेद का राजनीतिकरण करने से बचें राजनीतिक दल

रविशंकर बोले - जजों के बीच के मतभेद का राजनीतिकरण करने से बचें राजनीतिक दल
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नई दिल्ली। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के नवनिर्मित कोर्ट ब्लॉक का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस सप्ताह के अंत तक कई हाईकोर्ट के लिए नियुक्तियां की जाएंगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि अगर हम अगली जिंदगी में भी जज बने तो हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि मैं दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनूं। इस मौके पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने एक पुस्तक ' दिल्ली हाईकोर्ट-मेकिंग ऑफ न्यू कोर्ट्स ब्लॉक ' का विमोचन किया।

इस मौके पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मतभेद जजों के बीच भी होते हैं। हमें उन पर भरोसा करना चाहिए कि वे इसे सुलझा लेंगे। इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को जजों के बीच के मतभेद का राजनीतिकरण न करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एडीएम जबलपुर वाले मामले में अपना अलग जजमेंट देनेवाले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एचआर खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट से ही थे। दिल्ली हाईकोर्ट का एक अच्छा स्थान है। इसकी लोकेशन और यहां के वकीलों की क्वालिटी की वजह से दिल्ली हाईकोर्ट को इतना सम्मान प्राप्त है।

इस मौके पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि न्यायशास्त्र में दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा योगदान है। कुछ हाईकोर्ट को छोड़कर जज दिल्ली हाईकोर्ट के जजों की तरह आक्रामक होकर नहीं सोचते हैं। ये आक्रामकता धन्यवाद की पात्र है।

इस मौके पर दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस रविंद्र भट ने स्वागत भाषण करते हुए कहा कि 1960 में दिल्ली हाईकोर्ट में जजों की संख्या 4 थी जो अब बढ़कर 60 तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में विभिन्न वर्गों के जज हैं । उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि दस भारतीय भाषाओं की मातृभाषा बोलने वाले जज दिल्ली हाईकोर्ट में हैं।

इस मौके पर कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने कहा कि जस्टिस डिलीवरी सिस्टम पारदर्शी और किफायती होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट देश का ऐसा पहला हाईकोर्ट होगा, जिसका एक पूरा ब्लॉक कमर्शियल वादों के निपटारे के लिए होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये दिल्ली के लिए गौरव की बात है कि दिल्ली हाईकोर्ट का नया भवन मिला है। इसका श्रेय दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल और अन्य जजों को जाता है। केजरीवाल ने कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे एक काबिल प्रशासक हैं। केजरीवाल ने कहा कि हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा जहां भी कार्यपालिका अपने रास्ते भटक गई है, न्यायपालिका उसके बचाव में आयी है। केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों से लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा और बढ़ा है।

इस मौके पर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के जजों का सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होना दिल्ली हाईकोर्ट की गुणवत्ता के बारे में बताता है। इस मौके पर दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमना ने अपने कार्यकाल के दिनों की याद करते हुए कहा कि ये हमारे दिल के करीब है। उन्होंने कहा दिल्ली हाईकोर्ट के बिल्डिंग की तरह ही सभी कोर्ट की बिल्डिंग होनी चाहिए। उन्होंने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से न्यायपालिका में कम संसाधन की ओर ध्यान खींचा । उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के लिए डिजिटलीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर की काफी जरूरत है। हमें बार और बेंच दोनों के लिए अच्छे टैलेंट की जरूरत है।

इस मौके पर जस्टिस एके सिकरी ने कहा कि हाईकोर्ट के नए ब्लॉक में 15 कोर्ट केवल कमर्शियल मामलों के लिए हैं। इससे कारपोरेट दुनिया को भी ये संदेश जाता है कि हम ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि दिल्ली हाईकोर्ट देश का सबसे अच्छा हाईकोर्ट है। ये हमारा मानना है लेकिन हम निश्चित हैं कि यही सही है। उन्होंने कहा कि जब हमने 1977 में वकालत शुरू की थी तो सुप्रीम कोर्ट से वकील दिल्ली हाईकोर्ट आते थे लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट से वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। कई एएसजी और पूर्व एजी भी दिल्ली हाईकोर्ट से ही हैं।

इस मौके पर जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट डिजिटाइजेशन को एक नई ऊंचाई पर ले गया है। उन्होंने कहा कि 1980 में एक आंदोलन हुआ था जिसमें 4032 याचिकाएं दायर की गई थीं। आज ये संख्या काफी ज्यादा है।

उद्घाटन समारोह विज्ञान भवन में आयोजित किया गया, जहां चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद, दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस एके सिकरी, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एनवी रमना उपस्थित थे।

Updated : 26 July 2018 10:09 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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