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शासन से नहीं, योग से आएगा रामराज्य : रामदेव

शासन से नहीं, योग से आएगा रामराज्य : रामदेव
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हरिद्वार। स्वामी रामदेव ने रविवार को कहा कि भारत व नेपाल का नाता पुरातनकाल से है। श्रीराम का जन्म भारत में हुआ तथा माता सीता की जन्मस्थली नेपाल है। शासन से रामराज्य नहीं आएगा अपितु योग के अनुशासन से रामराज्य आएगा। हमारा जीवन व चरित्र मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, योगेश्वर श्रीकृष्ण तथा हमारे पूर्वज ऋषियों की भांति पावन हो।

रविवार को पतंजलि योगपीठ में स्वामी रामदेव का 25वां संन्यास दिवस संन्यास दीक्षा एवं रामनवमी महोत्सव के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर रामदेव कहा कि पतंजलि गुरुकुलम् का ध्येय महर्षि अत्रि, गौतम, कणाद, वशिष्ठ, कश्यप, विश्वामित्र जैसी दिव्य आत्मा, उत्पन्न करना है। पतंजलि गुरुकुलम् के छात्र-छात्राएं, जब अष्टाध्यायी, गीता, योगदर्शन व वेद की ऋचाओं का वाचन करेंगे तो वैदिक युग की पुनरावृत्ति होगी। पतंजलि गुरुकुलम् के छात्रों को विश्व की तीन से पांच भाषाओं में पारंगत किया जाएगा। पांच से सात वर्ष के बच्चों को शास्त्र कण्ठस्थ होंगे तथा उन्हें दिव्य व्रताभ्यास कराया जाएगा।

इस उपलक्ष्य में पतंजलि योगपीठ के योगभवन में युवा नेपाल शिविर भी प्रारम्भ किया गया। इसमें शिविरार्थियों को योगाभ्यास के साथ-साथ गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस के माध्यम से रामराज्य का दर्शन कराया गया। कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योग, वेद, संस्कृति व अध्यात्म को पूरी दुनिया में पहुंचाने का कार्य पतंजलि द्वारा किया जा रहा है। कहा कि जीवन में सतत आगे बढ़ने के लि, पुरुषार्थ व प्रेरणा की आवश्यकता रहती है।

इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव आचार्य प्रद्युम्न महाराज ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई आलम्बन अवश्य होना चाहिए। शिष्य स्वयं को किसी एक गुरु को पूर्ण रूप से सौंप दें। जैसा गुरू चाहें, वैसे ही करते जाना है। कार्यक्रम में वैदिक गुरुकुलम् व वैदिक कन्या गुरुकुलम् के नवागन्तुक विद्यार्थियों को यज्ञ के साथ ब्रह्मचर्य की दीक्षा दी गई, साथ ही उनका वेदारम्भ व उपनयन संस्कार कराया गया। कार्यक्रम में राजस्थान के पूर्व लोकायुक्त एसएस कोठारी, उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, दानवीर मेहता जी, रेजोनेंस शिक्षा संस्थान के प्रमुख आरके वर्मा के साथ पतंजलि गुरुकुलम, आचार्यकुलम् तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Updated : 14 April 2019 4:58 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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