Home > देश > राफेल डील : सस्ते खरीदे तो महज 36 विमान ही क्यों - एके एंटनी

राफेल डील : सस्ते खरीदे तो महज 36 विमान ही क्यों - एके एंटनी

राफेल डील : सस्ते खरीदे तो महज 36 विमान ही क्यों - एके एंटनी
X

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मंगलवार को राफेल सौदे को लेकर सरकार के कामकाज पर कई तरह के सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि समझौते में राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है। उन्होंने सवालिया लहज में कहा कि अगर वर्तमान सरकार ने विमान सस्ते में खरीदे हैं तो महज 36 विमान ही क्यों खरीदे गए?

पूर्व रक्षामंत्री ने कहा कि इस समझौते में सबसे बड़ा पक्ष तकनीकी हस्तांतरण का था। इसी के चलते संप्रग सरकार में विमानों की कीमतें ज्यादा थीं। इस पक्ष को हटाने के चलते विमानों की कीमत कम हो गई। इसी घटी कीमत का वर्तमान सरकार प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि विमानों की कीमत में कानूनमंत्री 9 प्रतिशत, वित्तमंत्री 20 प्रतिशत, वायुसेना अधिकारी 40 प्रतिशत कम बता रहे हैं। उन्होंने पूछा कि अगर विमान वाकई में सस्ते थे तो केवल 36 विमान ही क्यों खरीदे गए?

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की क्षमता पर सवाल उठाने को लेकर एंटनी ने उनकी आलोचना की। एंटनी ने कहा कि 75 साल पुरानी, नवरत्न कंपनी जिसने 31 तरह के 4060 एयरक्राफ्ट बनाए हैं, उसकी छवि खराब क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि संप्रग के शासनकाल के दौरान एचएएल मुनाफा कमाने वाली कंपनी थी। मोदी सरकार के समय इतिहास में पहली बार एचएएल ने विभिन्न बैंकों से लगभग एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।

उन्होंने कहा, ''हमारी मांग पहले दिन से स्पष्ट है कि संयुक्त संसदीय समिति इस मामले की जांच करे। सीवीसी का संवैधानिक दायित्व है कि वो पूरे मामले के कागजात मंगवाएं और जांच कर पूरे मामले की जानकारी संसद में रखें।''

दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में प्रेसवार्ता करते हुए वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा कि 2014 में सरकार बदलते समय अंतिम दौर की वार्ता चल रही थी। इसमें कुछ शुरुआती समस्याएं थीं, जिसके चलते समझौते में देरी हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पेरिस गए और एक तरफा फैसला लेते हुए राफेल सौदों 120 विमान की जगह 36 विमान खरीद का सौदा कर आए।

इस संबंध में 10 अप्रैल, 2015 को अंतर सरकारी समझौता भी हो गया। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी को किसने अकेले इस संबंध में निर्णय लेने का अधिकार दिया? उन्होंने कहा कि इस तरह की रक्षा खरीद रक्षामंत्री की अध्यक्षता में समिति निर्णय लेती है। इसमें सेना प्रमुख, वायु सेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख, रक्षा सचिव, डीआरडीओ प्रमुख, कोस्ट गार्ड चीफ और रक्षा उत्पादन सचिव शामिल होते हैं।

Updated : 18 Sep 2018 4:01 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top