राष्ट्रपति ने की कोरोना मरीजों पर काम कर रहे हेल्थ प्रोफेशनल्स के प्रयासों की सरहना
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार सुबह COVID-19 से संबंधित मुद्दों पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों, उपराज्यपालों और प्रशासकों के साथ बातचीत की। उन्होंने इस चुनौती से निपटने में सभी हेल्थ प्रोफेशनल्स तथा अन्य सभी के प्रयासों की सराहना की।
इस दौरान उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी अपने आवास से इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में शामिल हुए। भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी सहित शीर्ष स्वैच्छिक संगठनों ने भी इसमें भाग लिया। रेड क्रॉस पूरे भारत में अपने सामाजिक आपातकाल और मानवीय कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है। आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि सात से आठ राज्य ऐसे हैं, जहां कोविड-19 के चलते संकट गंभीर है, ऐसे में राष्ट्रपति ने इस बारे में विस्तृत बातचीत की।
कोरोना वायरस से भारत समेत दुनिया बुरी तरह त्रस्त हो चुकी है। देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच गुरुवार को कोरोना संक्रमण से रिकॉर्ड छह मरीजों की मौत हो गई। इन खबरों के बीच राहत की बात ये है कि कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी की दर स्थिर है। गुरुवार को संक्रमण के 89 नए मामले मिले, जो बुधवार से दो अधिक हैं। 23 मार्च को सर्वाधिक 107 नए मामले सामने आए थे। 24 मार्च 51, 25 मार्च 87 और 26 मार्च 89 नए मरीज मिले थे। भारत में कुल मामले 700 के करीब पहुंच चुके हैं।
भारत की बात करें तो कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन और उससे पैदा हुए हालात को देखते हुए सरकार ने गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज घोषित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज का ऐलान करते हुए बताया कि गरीबों को तीन माह तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। वहीं, सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ी राहत देते हुए ऐलान किया कि ईपीएफ में पूरा योगदान सरकार देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों और मजदूरों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर होगा। केंद्र ने 3.5 करोड़ मजदूरों के लिए राहत का ऐलान करते हुए कहा कि इनकी राहत लिए 31000 करोड़ का फंड है। जो कामगारों पर खर्च होंगे।
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