देश में अंग दान एक आंदोलन बन चुका है : नड्डा
पटना | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पटना के रवींद्र भवन में अंतरराष्ट्रीय अंग दान दिवस के अवसर पर दधीचि देह दान समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि पूरे देश में अंग दान एक आंदोलन बन चुका है। और बिहार में तो बहुत कम समय में ही दधीचि देह दान समिति और बिहार सरकार की कोशिशों की वजह से यह आंदोलन तेजी से परवान चढ़ा है। चार साल पहले तक तो कोई इसके बारे में सोचता तक नहीं था, लेकिन अब लोग स्वत: अपना अंग दान करने के लिए आगे आ रहे हैं।
अंग दान से संबंधित व्यवहारिक पहलुओं की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति की वजह से आधारभूत संरचनाओं और कुशल डॉक्टरों की हमारे पर अब कमी नहीं है, लेकिन अंग दान का संकल्प ले चुके व्यक्ति की मौत के उनके परिजनों की ओर से असल समस्या पेश आती है। या तो उनके परिजन संकल्पित व्यक्ति की मौत की जानकारी समय पर अंग दान के संबधित केंद्रों को नहीं देते या फिर सीधे तौर पर उनका अंग दान करने से इंकार कर देते हैं। निश्चित रूप से यह भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है। अंग दान की सारी कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद इसे अमल में लाना मुश्किल होता है। इस समस्या के हल के लिए हमलोग बड़े पैमाने पर कौंसलर्स की नियुक्ति करने जा रहे हैं जो समय-समय पर अंग दान के इच्छुक व्यक्ति और उनके परिजनों से बातचीत करके अंग दान की प्रक्रिया को अंतिम परिणति तक पहुंचाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि अंग दान एक जन आंदोलन बन चुका है। इस आंदोलन को और तेजी से चलाने के लिए हमें अपनी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है।
देश में अधिक से अधिक प्रत्यारोपण केंद्रों की स्थापना करने पर जोर देते हुये केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि मौत के बाद शरीर के हर अंग की एक सीमा होती है। एक निश्चित मुद्दत के अंदर खास अंग विशेष को निकाल कर सही तरीके से प्रोसेसिंग करते हुये दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित करना जरूरी होता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार देशभर में अधिक से अधिक प्रत्यारोपण केंद्र बनाने पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि लेकिन अभी भी अंग दान का अहम पहलू सामाजिक धारणाओं से जुड़ा हुआ है। पॉलिसी और क्राइटेरिया को स्तर पर तो हम सक्षम है। इससे संबंधित ऑपरेशनल गाइडलाइन भी जारी किया जा चुका है। अब जरूरत है लोगों में अंग दान को लेकर जागरुकता पैदा करने की।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे ने कहा कि देश में प्रत्येक साल दो लाख लोगों के किडनी फेल होते हैं, इसी तरह किडनी खराब होने के मामले भी बड़ी तादाद में आते हैं। यदि लोगों में अंग दान को लेकर जागरुकता आएगी तो ऐसे लोगों की जिंदगी में फिर से खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि अंग दान को लेकर कोई धार्मिक बाधा नहीं है। इसके विपरीत धार्मिक संतों का कहना है कि जो लोग अंग दान करते हैं यदि उनकी मुक्ति में कोई बाधा आ रही है तो वह बाधा भी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि एक साल पहले मैंने अंग दान करने का निर्णय लिया था और आज मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे अंग दान करने के बारे में जरूर सोचें ।
इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अंग दान की परंपरा भारत की प्राचीन परंपरा है। दधीचि ने अपनी हड्डियां दान कर दी थी ताकि असुरों का वध किया जा सके। कर्ण ने भी अपने कवच और कुंडल दान कर दिये थे, हालांकि उसे पता था कि इस दान के बाद वह शारीरिक रूप से कमजोर हो जाएगा। इसी तरह राजा शिवि ने सिर्फ एक कबूतर को बचाने के लिए अपनी जंघा से मांस का लोथड़ा बाज को देना कबुल कर लिया था। उन्होंने आगे कहा कि भगवान विष्णु ने शिव को प्रसन्न करने के लिए कमल के 1000 फूल दान करने का संकल्प लिया था, लेकिन अंत में जब एक कमल कम गया तो उन्होंने नेत्र दान कर दिये।
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज विज्ञान काफी आगे हैं लेकिन मानव अंग को बनाने के क्षमता विज्ञान पास नहीं है। ऐसे में सिर्फ अंग दान से दूसरे लोगों की जिंदगी बदल सकती है। उन्होंने कहा कि मरने के बाद आपके शरीर का इससे बेहतर उपयोग और कुछ नहीं हो सकता है।
Participated in an event organised by "Dadhichi Deh Daan Samiti" on the occasion of #OrganDonationDay 2018 at Patna and congratulated its committed members for motivating organs and tissue donations. pic.twitter.com/5CgMtFvU0d
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 13, 2018
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने विगत पांच –छह साल से लोगों को अंग दान के बारे में जागरूक किया जा रहा है। अगले एक सप्ताह तक बिहार में अंग दान सप्ताह मनाया जाएगा। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य के प्रत्येक सरकारी अस्पतालों में कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ इंदिरा गांधी अस्पताल में ही नेत्र दान की प्रक्रिया की सुविधा है। आज से पीएमसीएच में भी इसकी शुरुआत की जा रही है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद, विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्रकारी अध्यक्ष आलोक, पूर्व मंत्री व विधायक श्याम रजक सहित कई कई गणमान्य लोग मौजूद थे।