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कश्मीर में कोई भी सरकार भाजपा के बिना नहीं बनेगी : राम माधव

कश्मीर में कोई भी सरकार भाजपा के बिना नहीं बनेगी : राम माधव
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नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं कश्मीर मामले के प्रभारी राम माधव ने शनिवार को यहां कहा कि अब जम्मू एवं कश्मीर में कोई भी सरकार भाजपा के बिना नहीं बनेगी।

एकात्म मानव संस्थान द्वारा कश्मीर विषय पर प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका 'मंथन' के लोकार्पण समारोह में राम माधव ने कहा कि कश्मीर के लिए भाजपा अब अछूती नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया कि वह दिन अब दूर नहीं जब कश्मीर से आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत की कश्मीर नीति बदल चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर समस्या को पाकिस्तान के नजरिए से देखने की आवश्यकता नहीं है।

राम माधव ने कहा कि बहुत लोग इस बात पर सलाह देते रहे कि भाजपा को कश्मीर में सरकार नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि कश्मीर की दोनों क्षेत्रीय पार्टियां नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी भाजपा के विचारों से मेल नहीं खाती। इसके बावजूद भाजपा ने पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। सवाल है कि आखिर कब तक भाजपा विपक्ष की राजनीति करती रहे, केवल धक्के खाती रहे। हमने सरकार बनाकर बहुत सारे ऐसे काम किए जो विपक्ष में रहकर नहीं कर सकते थे। पहली बार जम्मू -कश्मीर के भाजपा के जनप्रतिनिधियों को इस बात का अहसास हुआ कि मंत्री बनकर कैसे काम करते हैं।

राम माधव ने कहा कि कुछ तकलीफों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी कश्मीर में अपनी नीतियों को लागू करने में सफल रही है। कश्मीरी शरणार्थियों को पहली बार हमने पांच पांच लाख रुपए दिए, कश्मीर के मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया।

राम माधव ने कहा कि कश्मीर को तीन नजरिए से देखना चाहिए-कश्मीर की भूमि हमारी है, कश्मीर के लोग हमारे हैं, और जो हमारी बात न मानें उनके लिए कानूनी प्रावधान हों। उन्होंने कहा कि भाजपा का सरकार में होने का ही परिणाम है कि आतंकवादियों का बिना यह विचार किए कि वे विदेशी हैं या स्थानीय, सफाया किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक 600 से ज्यादा आतंकवादी मारे जा चुके हैं और जो 405 पकड़े गए हैं। जो बचे हैं, उन्हें भी जल्द ही उनकी जगह पहुंचा दिया जाएगा। यही नहीं, जो उनके 'ऑन ग्राउंड हैंडलर' हैं या जो बाहर बैठकर आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं, उन्हें कानून के आधार पर सही जगह पहुंचाया जाएगा।

समारोह में निलंबित कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि कश्मीर के इतिहास में महाराजा हरि सिंह की भूमिका को ठीक से रेखांकित करने की जरूरत है। निर्मल सिंह ने कहा कि कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। कोई इतिहासकार यह कहता है कश्मीर की आजादी की लड़ाई तब से शुरू होती है जब से अकबर ने कश्मीर पर कब्जा किया, कोई यह कहता है कश्मीर में आजादी की लड़ाई तब शुरू होती है जब महाराजा रणजीत सिंह ने कश्मीर पर अपना राज स्थापित किया, कुछ लोग यह कहते हैं कि 1947 से कश्मीर के आजाद होने की जो लड़ाई चल रही है वही हमारा इतिहास है। निर्मल सिंह ने धारा 351 का जिक्र करते हुए कहा कि महाराजा हरि सिंह ने अंग्रेजों से कश्मीर को बचाने के लिए कश्मीर में स्थाई नागरिकता की बात की थी लेकिन एक बार कश्मीर का भारत के साथ विलय हो जाने के बाद इस तरह की व्यवस्था की जरूरत नहीं थी, फिर भी कांग्रेस ने कश्मीर के लिए 35ए का अनुच्छेद जोड़कर कश्मीरियों के मन में अलगाव की भावना पैदा कर दी।

कार्यक्रम में मंथन पत्रिका के कश्मीर अंक पर विशेष अंक के बारे में जानकारी प्रसिद्ध पत्रकार जवाहरलाल कौल ने दी। अंत में एकात्म मानव प्रतिष्ठान के अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Updated : 11 Aug 2018 10:18 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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