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सबरीमाला पर अध्यादेश की जरूरत नहीं, अयप्पा भक्त खुद लड़ने में सक्षमः अमित शाह

सबरीमाला पर अध्यादेश की जरूरत नहीं, अयप्पा भक्त खुद लड़ने में सक्षमः अमित शाह
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तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर केंद्र सरकार की ओर से अध्यादेश जारी करने की कोई जरूरत नही है। अयप्पा भक्त अपनी लड़ाई लड़ लेंगे। उधर, केरल में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दिए जाने के विरोध में आंदोलनरत अयप्पा भक्तों ने अपना संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है।

भाजपा अध्यक्ष शाह ने एक टेलीविजन चैनल को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि सबरीमाला मंदिर में हर आयु की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिए जाने संबंधी फैसले को लागू करने में केरल की वाम मोर्चा सरकार उतावलापन दिखा रही है। न्यायालय के कई फैसले हैं, जिन पर अमल नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में सबरीमाला में न्यायालय के फैसले को हर सूरत में लागू करने का राज्य सरकार का प्रयास केवल राजनीति मात्र है।

उन्होंने कहा कि एक ओर जहां घर के सामने मस्जिद पर अजान के लिए लगे लाउडस्पीकर को हटाने के मामले में सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है वहीं सबरीमाला में 'प्रतिबंधित' आयु वर्ग की महिलाओं को हेलीकॉप्टर से मंदिर में उतारने की कोशिश हो रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या उच्चतम न्यायालय के आदेश को निष्प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार कोई अध्यादेश लाएगी, भाजपा अध्यक्ष ने कहा ' अध्यादेश लाने की कोई जरूरत नहीं है, अयप्पा भक्त अपनी लड़ाई खुद ही लड़ लेंगे।'

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दिए जाने वाले फैसले के खिलाफ दायर की गई 49 पुनर्विचार याचिकाओं पर आगामी 22 जनवरी को खुली अदालत में सुनवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही न्यायालय ने अपने गत 28 सितम्बर को दिए गए आदेश पर कोई स्थगन आदेश नही दिया है, जिसमें 10 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी।

उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश के बाद केरल में अयप्पा भक्तों ने ऐलान किया है कि सबरीमाला मंदिर की परंपरा को बचाने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। अयप्पा धर्म सेना के अध्यक्ष राहुल ईश्वर ने कहा है कि वह 'प्रतिबंधित' आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोकने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष श्रीधरन पिल्लई ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह पूरे मामले पर फिर से गौर करने का एक अवसर है, जिस पर राज्य सरकार को गौर करना चाहिए। पिल्लई के नेतृत्व में कासरगोड से निकली सबरीमाला संरक्षण यात्रा आज सबरीमाला पहुंच गई। वहां आयोजित कार्यक्रम में अयप्पा भक्तों ने अपना संघर्ष जारी रखने की घोषणा की।

केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार न्यायालय के फैसले के बारे में कानूनी विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद अगला कदम तय करेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति संबंधी अपने पुराने आदेश पर न्यायालय ने कोई रोक नहीं लगाई है।

सबरीमाला मंदिर के कपाट आगामी शुक्रवार को खुल रहे हैं, जब इस धार्मिक स्थल के दो महीने तक चलने वाले महापर्व की शुरुआत होगी। मंडलम और मकर संक्रांति के पर्व पर दक्षिण भारत से सबरीमाला मंदिर में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। केरल पुलिस द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन पंजीकरण सुविधा के तहत तीन लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन पूजन करने के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें पांच सौ से अधिक ऐसी महिलाएं हैं, जिनकी आयु 10 से 50 वर्ष के बीच है। राज्य प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगा कि वह अयप्पा भक्तों के विरोध के बीच इन महिलाओं को किस तरह मंदिर पहुंचाती हैं।

Updated : 18 Nov 2018 7:40 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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