Home > देश > एनजीटी ने कहा - शुद्ध हवा में सांस लेना हर नागरिक का अधिकार

एनजीटी ने कहा - शुद्ध हवा में सांस लेना हर नागरिक का अधिकार

एनजीटी ने कहा - शुद्ध हवा में सांस लेना हर नागरिक का अधिकार
X

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने कहा है कि शुद्ध हवा में सांस लेना हर नागरिक का अधिकार है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह टिप्पणी दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की याचिका पर सुनवाई के दौरान की।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने याचिका दायर कर एनवायमेंट पॉल्युशन अथॉरिटी (ईपीसीए) के एनसीआर में डीजल जेनरेटर पर रोक लगाने के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी। ईपीसीए ने पिछले नौ अक्टूबर को आदेश जारी कर दिल्ली और उसके आस-पास के शहरों गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में 15 अक्टूबर से डीजल जेनरेटर बंद करने का निर्देश दिया था। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने एनजीटी से कहा कि उसे बिजली उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है और तकनीकी वजहों से डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल करना पड़ता है। याचिका में कहा गया था कि उसने अपनी दिक्कतें हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बताया और ईपीसीए को भी लिखा लेकिन ईपीसीए ने उस पर कोई विचार नहीं किया।

याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने कहा कि एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) को नोटिफाई किया गया है। ग्रैप हर किसी को लागू करना होगा। एनजीटी ने कहा कि ईपीसीए का आदेश पूरे तरीके से सही है। ईपीसीए का आदेश लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर दिया गया है और ये समय की जरूरत है। अगर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम बिजली की आपूर्ति नहीं कर सकती है तो उसे कानून के मुताबिक दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

Updated : 18 Oct 2019 2:42 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top