सीजेआई की लंबित मुकदमे तेजी से निपटाने के लिए एक नई त्वरित योजना

सीजेआई की लंबित मुकदमे तेजी से निपटाने के लिए एक नई त्वरित योजना
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न्यायाधीशों के खाली पद भरने , छुट्टी में कटौती करने ,काम के दौरान अन्य गतिविधि में शामिल नहीं होने का किया जा रहा उपक्रम

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अपने कार्यकाल में हर हालत में लंबित मुकदमों की सुनवाई जल्दी से जल्दी कराकर, इसकी बढ़ती संख्या पर नकेल लगाकर इसमें कमी लाना चाहते हैं। यह भी उपक्रम कर रहे हैं कि भविष्य में मुकदमों की सुनवाई में देरी नहीं हो और फैसला समय से हो जाये।

सूत्रों का कहना है कि इसके लिए उन्होंने देश भर के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की है और सबसे कहा कि बेवजह व गैर जरूरी छुट्टी नहीं लें। अपने काम के समय में न्यायालय में उपस्थित रहें। उच्च न्यायालयों में खाली पड़े न्यायाधीशों के पदों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू करें। सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने तमिलनाडु , कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्याधीशों की नियुक्ति के लिए संस्तुति भी की है ।

देशभर के उच्च न्यायालयों में 1079 न्यायाधीशों के पदों में से 400 खाली पड़े हैं। लंबित मुकदमों की संख्या है तीन करोड़ से ऊपर जा रही है । सूत्रों का कहना है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने निर्णय किया है कि हर बुधवार और बृहस्पतिवार को आपराधिक मामलों की सुनवाई 5 खंडपीठ के सामने की जाएगी, ताकि ऐसे मामलों का जल्दी से जल्दी निपटारा हो सके और देश में राजनीतिकों , उद्योगपतियों, बिल्डरों आदि की आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने में कुछ सफलता मिल सके।

इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय के वकील बीएस बिलौरिया तथा विनयप्रित सिंह का कहना है कि मुख्य न्यायाधीश गोगोई जिस गति से कार्य कर रहे हैं, उससे सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों के कार्य को और गति मिलेगी तथा लंबित मुकदमों के निपटारे में तेजी आयेगी। विशेषकर उन आपराधिक मुकदमों के निपटारे में जिनके लंबित होने का लाभ राजनैतिक लोग, व्यवसायी , बिल्डर ,अपराधी उठाते रहते हैं।

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