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नेशनल हेराल्ड केस : स्वामी पर राहुल, सोनिया के लिए गलत शब्दों का प्रयोग करने का आरोप, कोर्ट करेगा 27 को सुनवाई

नेशनल हेराल्ड केस : स्वामी पर राहुल, सोनिया के लिए गलत शब्दों का प्रयोग करने का आरोप, कोर्ट करेगा 27 को सुनवाई
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। नेशनल हेराल्ड मामले में सुनवाई के दौरान आरोपितों के वकील ने सुब्रमण्यम स्वामी पर अपने ट्वीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि स्वामी अपने ट्वीट में सोनिया के लिए ताड़का और राहुल के लिए 'बैम्बिनो' (male child in Italian) जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट से मांग की कि उन्हें इस केस के बारे में ट्वीट करने पर रोक लगाई जाए। तब कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर हम 27 अक्टूबर को सुनवाई करेंगे। इसके बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी के वकील ने कहा कि वे इस केस के बारे में ट्वीट नहीं करेंगे। तब सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उन्हें बुरा महसूस हो रहा है, क्योंकि उनके फॉलोअर्स नहीं हैं।

17 सितम्बर को सुब्रमण्यम स्वामी ने अपना बयान दर्ज कराया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी के क्रास एग्जामिनेशन की तिथि 27 अक्टूबर तय की थी। 25 अगस्त और 21 जुलाई को भी सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था। पिछले 26 मई को कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की इस मांग को खारिज कर दिया था कि आरोपितों को या तो दस्तावेजों को स्वीकार करना ा खारिज कर देना चाहिए। कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की इस मांग को स्वीकार कर लिया कि वे उन दस्तावेजों को साक्ष्य के तौर पर पेश कर सकते हैं। उन दस्तावेजों के परीक्षण के बाद अधिकारियों को समन भेजा जा सकता है।

पहले की सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक दूसरे पर केस को लंबा खींचने का का आरोप लगाया था। कोर्ट के समक्ष दलीलें रखने के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी।

सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि गांधी परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में कई दस्तावेज सौंपे हैं। अब हम इस कोर्ट में उन दस्तावेजों का परीक्षण करना चाहते हैं। आरोपितों को कोर्ट का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। या तो उन्हें इन दस्तावेजों को स्वीकार करना चाहिए या खारिज करना चाहिए।

इस पर गांधी परिवार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि स्वामी कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं। वे कोर्ट में गैरप्रमाणित दस्तावेज पेश कर रहे हैं। उन्होंने जो दस्तावेज सौंपा है वे न तो ओरिजिनल हैं और न ही सर्टिफाइड हैं। कोर्ट उन्हें देख तक नहीं सकती है। जब भी याचिकाकर्ता को गवाह के कठघरे में खड़ा होना होता है वे नई अर्जी लेकर आ जाते हैं। उसके बाद वे दस्तावेजों की मांग करते हैं लेकिन वे गवाह कहां हैं जो स्वामी के दस्तावेजों को प्रमाणित कर सकें।

20 जनवरी को सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का यंग इंडिया फर्म के खिलाफ जारी टैक्स असेसमेंट ऑर्डर की 105 पेजों की कॉपी सौंपी थी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का ये आदेश 27 दिसम्बर, 2017 का था।

स्वामी के मुताबिक कांग्रेस नेताओं द्वारा एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को 90 करोड़ लोन देने की बात फर्जी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यंग इंडिया को आदेश दिया था कि 414 करोड़ रुपए के आय को छुपाया गया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यंग इंडिया को आदेश दिया था कि इस आय पर टैक्स चुकाएं। स्वामी ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस आदेश का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं की एजेएल से डील को फर्जी बताया था।

सुनवाई के दौरान कांग्रेस ने स्वामी द्वारा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आदेश को चुनौती थी। कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि ये आदेश आपको कहां से मिला। तब स्वामी ने कहा था कि ये हमें कल हमारे डोरमेट पर मिला। स्वामी ने कांग्रेस के वकील से कहा था कि पहले आप अपने मुवक्किल से पूछ लीजिए, उन्हें पहले मिला होगा। कांग्रेस की ओर से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का आदेश पेश करने के लिए नोटिस जारी करने की मांग की थी।

पिछले साल 18 नवम्बर को कांग्रेस नेताओं ने याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी पर ट्रायल को लंबित रखने का आरोप लगाया था । कांग्रेस नेताओं ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंबिका सिंह की कोर्ट को बताया था कि स्वामी की याचिका में कई कमियां हैं और उसे खारिज किया जाना चाहिए ।

5 अगस्त, 2017 को सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मामले में करीब दो सौ पेजों के 17 दस्तावेज जमा किए थे। उसके पहले की सुनवाई में पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं से जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 294 के तहत आरोपितों से दस्तावेजों के परीक्षण की मांग की थी । कांग्रेस नेताओं की तरफ से कहा गया था कि याचिकाकर्ता नोटिस को सही तरीके से तामील नहीं करा पाए हैं । तो सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कांग्रेस की पूरी लीगल टीम विदेश में जिसकी वजह से वे तामील नहीं करा पाए हैं ।

पहले की सुनवाई में कोर्ट ने स्वामी की इस दलील को खारिज कर दिया था कि कांग्रेस पार्टी और एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के खाते और दस्तावेज मांगे जाएं । एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है । कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास है। इसके बाद एजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर नयी बनायी कंपनी यंग इंडियन को दे दिए गए। इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को एजेएल का स्वामित्व मिल गया।

सुब्रह्ण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है।

स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है। जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए।

Updated : 6 Oct 2018 7:26 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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